नयी दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में हिंसा, आगजनी और पथराव की अफवाहों के बीच रविवार को 3,000 से अधिक तनावग्रस्त लोगों ने दिल्ली पुलिस को फोन किया। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि आपात नंबर 100 और 112 नंबर पर आए फोनों में से औसतन हर पांचवां फोन दक्षिण पूर्वी दिल्ली के शाहीन बाग और दक्षिण दिल्ली के आस पास के इलाकों से था। हिंसा के बारे में अफवाह फैलने के बाद रविवार शाम दिल्ली के कुछ हिस्सों में लोगों के बीच दहशत पैदा हो गयी थी। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे में कम से कम 42 लोगों की जान जाने के कुछ दिन बाद ये अफवाहें फैली।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘दिल्ली में रविवार शाम अफवाह फैलने के बाद पुलिस नियंत्रण कक्ष (पीसीआर) को 3,000 से अधिक फोन आए। इनमें से दक्षिण पूर्वी दिल्ली से 413 और दक्षिण दिल्ली से 157 फोन आए।’’ उन्होंने बताया कि पीसीआर पर फोन आने के अलावा, दिल्ली के अंदर और बाहर के इलाकों से भी पुलिस अधिकारियों को हिंसा की खबर की पुष्टि करने के लिए फोन किए गए। अफवाह फैलने के बाद पुलिस अधिकारियों को खुद मौके पर पहुंच स्थिति नियंत्रण में करनी पड़ी और सोशल मीडिया पर भी लोगों से अफवाहों पर ध्यान ना देने की अपील की गई।
दिल्ली मेट्रो नगर निगम ने भी बिना कोई वजह बताए सात मेट्रो स्टेशनों पर प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए थे। हालांकि बाद में सभी स्टेशनों पर प्रवेश और निकास द्वार खोल दिए गए थे। दिल्ली पुलिस ने ट्वीट किया था, ‘‘ दक्षिण-पूर्वी और पश्चिम जिले में तनाव की निराधार खबरें सोशल मीडिया पर प्रसारित की गयी। यह दोहराना चाहेंगे कि यह महज अफवाहें हैं। ऐसी अफवाहों पर ध्यान ना दें।’’ पुलिस ने कहा कि वे अफवाह और झूठी खबरें फैलाने वाले सोशल मीडिया अकाउंट पर नजर रख रहे हैं और इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।