नयी दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि देश में चल रहे राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत 2.27 लाख से अधिक गर्भवती महिलाएं कोरोना वायरस रोधी टीके की पहली खुराक ले चुकी हैं। मंत्रालय ने कहा कि इसे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और चिकित्सा अधिकारियों द्वारा गर्भवती महिलाओं को संक्रमण के जोखिम और टीकाकरण के लाभों के बारे में नियमित परामर्श के परिणाम के रूप में देखा जा सकता है।
मंत्रालय ने कहा कि इस सतत अभियान ने गर्भवती महिलाओं को कोविड टीकाकरण को लेकर विकल्प अपनाने का अधिकार दिया है। तमिलनाडु इस मामले में सबसे आगे है, जहां 78,838 गर्भवती महिलाएं टीका लगवा चुकी हैं। आंध्र प्रदेश में 34,228, ओडिशा में 29,821, मध्य प्रदेश में 21,842, केरल में 18,423 और कर्नाटक में 16,673 गर्भवती महिलाओं ने पहला टीका लगवा लिया है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भय, आशंकाओं, गलत सूचनाओं, कुछ सामाजिक वर्जनाओं और मुद्दों को दूर करने के अभियान के तहत दो जुलाई को, गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण के संबंध में राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मार्गदर्शन के लिये एक नोट साझा किया था।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इसके बाद कार्यक्रम प्रबंधकों, सेवा प्रदाताओं और अग्रिम मोर्च पर तैनात स्वास्थ्य कर्मियों को गर्भवती महिलाओं और उनके परिवारों को परामर्श देने के लिये प्रशिक्षित किया गया।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण के संबंध में सरकारी और निजी कोविड टीकाकरण केंद्रों में अपनी टीमों को संवेदनशील बनाया। मंत्रालय ने कहा कि गर्भवती महिलाओं को टीका लेने के लिए प्रोत्साहित करने के वास्ते राज्यों द्वारा कई पहल की गई हैं। इनमें गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष टीकाकरण सत्र शामिल हैं।
केंद्र ने वंचितों, भिखारियों के लिए विशेष टीकाकरण सत्र आयोजित करने को कहा
केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आग्रह किया है कि वंचितों, भिखारियों और खानाबदोशों के लिए विशेष टीकाकरण सत्र का आयोजन करें जिनके पास खुद से पंजीकरण कराने की व्यवस्था व टीकाकरण के लिए संसाधन नहीं हैं। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि राज्य सरकार इस प्रयास में गैर सरकारी संगठनों, नागरिक समाज संगठनों और स्वयंसेवियों का सहयोग ले सकती है।
भूषण ने कहा कि अभी तक 45 करोड़ से अधिक टीके की खुराक लगाई जा चुकी है। उन्होंने 29 जुलाई को लिखे पत्र में कहा कि टीकाकरण जनकेंद्रित अभियान है और इसे सभी पात्र समूहों तक उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति से परे होकर पहुंचाने का प्रयास किया गया है।
पत्र में कहा गया है कि संक्रमण के सर्वाधिक खतरे वाले समूहों में कोविड-19 टीकाकरण का ध्यान रखने की जरूरत है ताकि सभी को समान रूप से टीका मिल सके। पत्र में कहा गया है, ‘‘वंचितों एवं खानाबदोशों को टीका मुहैया कराए जाने की जरूरत है जिनके पास खुद से पंजीकरण कराने की सुविधा नहीं है और जिनके पास टीकाकरण के लिए संसाधन नहीं हैं। इस समूह को कवर करने के लिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेश लक्षित रुख अपना सकते हैं।’’