Highlights
- सोमवार शाम सात बजे तक 70 लाख (70,85,126) से अधिक खुराक दी गई थीं।
- उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां 16 करोड़ से अधिक खुराक दी गई है।
- उत्तर प्रदेश ने ओमीक्रोन वेरिएंट को गंभीरता से लेते हुए सभी सावधानियां बरतनी शुरु कर दी है।
नयी दिल्ली: देश में सोमवार तक कोविड वैक्सीन की 123 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी। मंत्रालय ने बताया कि सोमवार शाम सात बजे तक 70 लाख (70,85,126) से अधिक खुराक दी गई थीं। इसने कहा कि देर रात तक अंतिम आंकड़े आने के बाद इस संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है। गौरतलब है कि देशव्यापी वैक्सीनेशन अभियान 16 जनवरी को शुरू हुआ था जब पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगाया गया था। अग्रिम मोर्चे के कर्मियों का वैक्सीनेशन दो फरवरी से शुरू हुआ था। देश में 45 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत एक अप्रैल से हुई थी, जबकि एक मई से 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का वैक्सीनेशन शुरू हुआ।
वहीं, उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां 16 करोड़ से अधिक कोविड-19 वैक्सीन का सुरक्षा कवच प्रदान किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट किया, ''जीवन एवं जीविका को सुरक्षित करते हुए उत्तर प्रदेश 16 करोड़ से अधिक कोविड-19 रोधी टीके का सुरक्षा कवच प्रदान करने वाला देश का प्रथम राज्य बन गया है। यह उपलब्धि आदरणीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन एवं कर्तव्यनिष्ठ स्वास्थ्य कर्मियों के अथक परिश्रम को समर्पित है। आप भी अवश्य लगवाएं 'टीका जीत का'।''
एक सरकारी बयान के मुताबिक कोरोना वायरस संक्रमण की पहली और दूसरी लहर पर नियंत्रण पाने वाली राज्य सरकार ने डेल्टा वेरिएंट से भी ज्यादा खतरनाक बताए जा रहे ओमीक्रोन वेरिएंट को गंभीरता से लेते हुए सभी सावधानियां बरतनी शुरु कर दी है। मुख्यमंत्री ने आला अधिकारियों को अलर्ट मोड पर काम करने के निर्देश दिए हैं। उत्तर प्रदेश में इस नए वैरिएंट को लेकर लखनऊ समेत सभी जिलों में विदेश से आने वालों की पड़ताल के निर्देश जारी किए गए हैं।
निगरानी समितियों, निगरानी दलों, स्वास्थ्य विभाग के दलों, जिलाधिकारियों और अन्य अधिकारियों ने जमीनी स्तर पर मोर्चा संभाल लिया है। विदेशों से आने वाले यात्रियों की पहचान और कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। इसके साथ ही योगी के निर्देशों के बाद कोरोना की दूसरी लहर में गठित की गई विशेषज्ञों की टीम इस नए वैरिएंट पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए है। यह टीम विदेशों में इस नए वैरिएंट के लक्षण, प्रभाव और इसके खतरे का आंकलन करेगी।