नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर के नागरोटा एनकाउंटर को लेकर पहला बयान देते हुए कहा कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े 4 आतंकवादियों का एनकाउंटर और उनके साथ बड़ी मात्रा में हथियारों और विस्फोटकों की मौजूदगी यह संकेत देती है कि हमने तनाव को भड़काने के उनके प्रयासों को एक बार फिर से विफल कर दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे सुरक्षा बलों ने एक बार फिर अत्यंत बहादुरी और प्रोफेशनलिज्म दिखाया है। उनकी सतर्कता जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक गतिविधियों को टारगेट करने के लिए की गई साजिश को नाकाम कर दिया है।
आतंकवादियों के पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद हुए है जिसमें 11 एके राइफल, तीन पिस्तौल, 24 मैगजीन, 29 ग्रेनेड, छह यूबीजीएल ग्रेनेड शामिल हैं। इसके अलावा उनके पास से भारी मात्रा में दवाएं, विस्फोटक सामग्री, तारों के बंडल, इलेक्ट्रोनिक सर्किट और थैले भी बरामद हुए हैं।
अधिकारियों ने इसपर कहा था, ''बीते कुछ साल में पहली बार, मारे गए आतंकवादियों के पास से इतनी भारी मात्रा में हथियार बरामद हुए हैं।'' वहीं आतंकवादियों की मंशा के बारे में पूछे जाने पर उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा कि था कि मारे गए आतंकवदियों के पास से मिले हथियारों की संख्या से ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने हाल ही में घुसपैठ की थी और वे किसी ''बड़ी साजिश को अंजाम'' देने वाले थे।
अधिकारियों ने नगरोटा एनकाउंटर पर कहा था कि ''हमने अपनी सभी टीमों को चौकियों पर तैनात किया था। खुफिया जानकारी मिली थी कि आतंकवादी भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक के साथ घुसपैठ कर सकते हैं।''
पुलिस अधिकारी ने कहा था कि नगरोटा के बान इलाके में टोल प्लाजा के पास आज सुबह पांच बजे एक ट्रक को जांच के लिये रोका गया, लेकिन ट्रक चालक वाहन को छोड़कर भाग गया। सीआरपीएफ और पुलिसकर्मियों ने जैसे ही वाहन की तलाशी लेनी शुरू की, ट्रक में छिपे आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। सिंह के अनुसार आतंकवादियों से आत्मसमर्पण के लिये कहा गया, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई।