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जम्मू-कश्मीर में लागू हो ‘मंदिर विधेयक’, कश्मीरी पंडितों के एक संगठन ने की मांग

जम्मू-कश्मीर में बंद पड़े मंदिरों का सर्वेक्षण कराने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कश्मीरी पंडितों के एक संगठन ने घाटी में ऐसे धार्मिक स्थानों की सुरक्षा के लिए नया मंदिर विधेयक लाने की मंगलवार को हिमायत की।

Written by: Bhasha
Published : September 24, 2019 20:00 IST
Mamleshwar Temple in Pahalgam
Image Source : WWW.KASHMIRHILLS.COM Mamleshwar Temple in Pahalgam

जम्मू: जम्मू-कश्मीर में बंद पड़े मंदिरों का सर्वेक्षण कराने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कश्मीरी पंडितों के एक संगठन ने घाटी में ऐसे धार्मिक स्थानों की सुरक्षा के लिए नया मंदिर विधेयक लाने की मंगलवार को हिमायत की। घाटी में ऐसे विभिन्न मंदिरों को फिर से खोलने के लिए पूर्व में काम कर चुकी सर्वदलीय प्रवासी समन्वय समिति (एपीएमसीसी) ने विभिन्न स्थानों पर मंदिरों और मंदिर की जमीन पर कथित अतिक्रमण की जांच कराने की मांग की है। 

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने सोमवार को कहा था कि जम्मू-कश्मीर में बंद पड़े करीब 50,000 मंदिरों का सर्वेक्षण कराया जाएगा। संगठन के अध्यक्ष विनोद पंडित ने एक बयान में कहा, ‘‘एपीएमसीसी बंद और जीर्ण-शीर्ण मंदिरों को फिर से खोले जाने के लिए हर संभव मदद करेगी।’’ पंडित ने कहा कि कश्मीर में ऐसे कई प्राचीन ऐतिहासिक और सुंदर मंदिर हैं जिनके संरक्षण की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘विधेयक लाने का यह बिल्कुल सही समय है।’’ 

एपीएमसीसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता किंग सी भारती ने आगाह किया कि मंदिर में पूजा अर्चना होनी चाहिए ना कि केवल पर्यटन उद्देश्य से खोला जाए जैसा पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर सरकार ने कुछ स्थानों पर करने का प्रयास किया था। मार्तंड मंदिर, केहरीबल अनंतनाग, अवंतीपुरा मंदिर और गंदेरबल में प्राचीन और ऐतिहासिक नरान नाग मंदिर का वैभव लौटाने का प्रयास किया जा सकता है, जिनका इतिहास 2500 साल से भी पुराना है।

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