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ई-सिगरेट पर प्रतिबंध के लिए अध्यादेश जारी, उल्लंघन करने पर कड़ी सजा

सरकार ने बृहस्पतिवार को इलेक्ट्रानिक सिगरेट यानी ई- सिगरेट के उत्पादन, बिक्री, भंडारण, प्रचार, लाने-ले जाने और आयात- निर्यात को प्रतिबंधित करने के लिए एक अध्यादेश जारी किया।

Edited by: Bhasha
Published on: September 19, 2019 15:52 IST
representational image- India TV Hindi
Image Source : FILE representational image

नयी दिल्ली: सरकार ने बृहस्पतिवार को एक कठोर कदम उठाते हुए इलेक्ट्रानिक सिगरेट यानी ई- सिगरेट के उत्पादन, बिक्री, भंडारण, प्रचार, लाने-ले जाने और आयात- निर्यात को प्रतिबंधित करने के लिए एक अध्यादेश जारी किया।  

उल्लंघन करने पर सजाएं

अध्यादेश के मुताबिक, पहली बार इसका उल्लंघन करने वालों को एक साल तक की सजा होगी और साथ ही एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा। वहीं अगर इस प्रतिबंध का किसी ने लगातार उल्लंघन किया तो उसे तीन साल तक की सजा हो सकती है या पांच लाख रुपये का जुर्माना भी हो सकता है या फिर दोनों सजाएं साथ हो सकती हैं।

अब ई- सिगरेट का भंडारण करने पर सीधे छह महीने तक की जेल की सजा हो सकती है और साथ ही 50,000 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है या जेल की सजा और जुर्माना दोनों देना पड़ सकता है।

बता दे कि बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि मंत्रिमंडल ने ई-सिगरेट पर रोक लगाने का निर्णय किया है। इसमें ई सिगरेट के उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, भंडारण सभी पर पूरी तरह रोक होगी। सीतारमण उस मंत्री समूह (जीओएम) की अध्यक्ष रही हैं जिसने ई-सिगरेट पर प्रतिबंध के संबंध में विचार किया।

अध्यादेश की खास बात

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने ई-सिगरेट और इस तरह के अन्य उत्पादों को जिनसे लोगों के स्वास्थ्य को खास तौर पर युवाओं को खतरा है प्रतिबंधित करने का फैसला किया है। इस अध्यादेश की खास बात यह है कि ये अधिकारियों को उन जगहों पर भी तलाशी की अनुमति देता है जहां इस तरह की तलाशी की इजाजत नहीं होती है। अधिकारी संपत्ति, ई-सिगरेट के भंडारण या उत्पादनकर्ता के रिकॉर्ड, आयातक-निर्यातक, लाने-ले जाने की व्यवस्था करने वाले की संपत्ति शिकायत के बाद कुर्क कर सकते हैं।

उपयोगकर्ताओं और अन्य पक्षों की प्रतिक्रिया

इस अध्यादेश में यह भी कहा गया है कि ऐसे स्थानों के मालिक या उसे संभालने वाले, जहां ई-सिगरेट तैयार की जाती थी, बिना देर करे इस भंडारण को निकटतम संबंधित प्रशासन को सौंप दें। हालांकि ई-सिगरेट पर रोक लगाने के फैसले को लेकर व्यापारिक निकायों, उपयोगकर्ताओं और अन्य पक्षों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि यह सरकार द्वारा जल्दबाजी में उठाया गया कठोर फैसला है।

उनका कहना है यह भी है कि सरकार ने पारंपरिक सिगरेट उद्योग को बचाने के लिए जल्दबाजी में इस तरह का ‘कठोर’ कदम उठाया है। ई-सिगरेट उपयोगकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था एसोसिएशन ऑफ वैपर्स इंडिया (एवीआई) ने कहा कि यह भारत में 11 करोड़ धूम्रपान करने वालों के लिए काला दिन है और उन्हें सुरक्षित विकल्पों से वंचित कर दिया गया है।

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