नयी दिल्ली: कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘आत्मनिर्भर’ भारत का आह्वान किए जाने को लेकर सवाल किया और कहा कि जब सरकार राष्ट्रीय संपत्तियों का निजीकरण कर रही है तो ऐसे समय आत्मनिर्भर भारत की बात करना सिर्फ ‘बयानबाजी’ है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि यह सवाल करना जरूरी है कि क्या यह सरकार जनमत और प्रजातंत्र में विश्वास करती है?
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सबसे पहले देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की कोटि-कोटि बधाई। हर भारतवासी को सोचना है कि आज आजादी के मायने क्या हैं? क्या हमारी सरकार प्रजातंत्र में विश्वास रखती है, जनमत और बहुमत में विश्वास रखती है? इस देश में बोलने, सोचने, कपड़ा पहनने और आजीविका कमाने की आजादी है या कहीं न कहीं इन पर अंकुश लग गया है?’’
सुरजेवाला ने कहा, ‘‘आत्मनिर्भर भारत की बुनियाद पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल और दूसरे स्वतंत्रता सेनानियों ने रखी थी। अब जब हम आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं तो यह सवाल पूछना पड़ेगा कि जो सरकार सार्वजनिक उपक्रमों को बेच दे और रेलवे एवं हवाई अड्डों का निजीकरण कर रही हो, वो इस देश की आजादी को सुरक्षित रख पाएगी?’’
देश के प्रमुख वामपंथी दलों ने लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन के बाद आरोप लगाया कि मोदी का ‘न्यू इंडिया’ आत्मनिर्भर नहीं, बल्कि कारपोरेट का मददगार है। देश के लोगों से सरकारी संपत्तियों के निजीकरण से जुड़े कदमों के खिलाफ खड़े होने का आह्वान करते हुए कम्युनिस्ट पार्टियों ने यह भी कहा कि सिर्फ जनांदोलन के माध्यम से ही मौजूदा सरकार से लड़ा जा सकता है।
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने पार्टी की ओर से आयोजित एक वीडियो कांफ्रेस में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने लाल किले से जिस ‘न्यू इंडिया’ के बारे में बात की, वह उस भारत को नकारना है जो संविधान के तहत बना था। यह भारत आत्मनिर्भर नहीं है, बल्कि विदेशी कारपोरेट का मददगार है।’’ उन्होंने कहा कि संविधान पर हो रहे हमलों से निपटने का एकमात्र रास्ता जनांदोलन है।
भाकपा महासचिव डी राजा ने आरोप लगाया कि पहले के प्रधानमंत्री अपने विकास के एजेंडे के बारे में बात करते थे, लेकिन मोदी को कारपोरेट के हितों की सेवा करने वाले प्रधानमंत्री के तौर पर याद किया जाएगा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारत को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने पर जोर दिया और इसके लिए एक व्यापक रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कई घोषणाएं भी कीं। ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ को विश्व कल्याण के लिए भी जरूरी बताते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी भी इस संकल्प से देश को नहीं डिगा सकती है।