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संसद में सरकार के खिलाफ एक साथ मोर्चा खोलने की तैयारी कर रहा विपक्ष, 14 सितंबर से शुरू होगा संसद का मानसून सत्र

विपक्षी दल संसद में सरकार को कोविड-19 महामारी से निपटने, अर्थव्यवस्था और राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति, चीन के साथ सीमा पर गतिरोध जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर एक साथ मिलकर घेरने पर विचार कर रहे हैं।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published : September 06, 2020 20:04 IST
Opposition parties planning joint offensive against government in Parliament
Image Source : FILE PHOTO Opposition parties planning joint offensive against government in Parliament । Representational Image

नयी दिल्ली। विपक्षी दल संसद में सरकार को कोविड-19 महामारी से निपटने, अर्थव्यवस्था और राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति, चीन के साथ सीमा पर गतिरोध जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर एक साथ मिलकर घेरने पर विचार कर रहे हैं। सूत्रों ने इस बारे में बताया है। उन्होंने बताया कि विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा संसद के दोनों सदनों में सरकार के खिलाफ एक साथ मोर्चा खोलने के लिए इस सप्ताह बैठक कर एक संयुक्त रणनीति बनाने की संभावना है। 

14 सितंबर से शुरू हो रहा संसद का मानसून सत्र 

बता दें कि, कोविड-19 महामारी के बीच संसद का मानसून सत्र 14 सितंबर से शुरू हो रहा है और इस बार सदन की बैठक के लिए कई बदलाव भी किए गए हैं । सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आठ सितंबर को पार्टी के रणनीति समूह की बैठक बुलाई है। विपक्षी नेता चाहते हैं कि समान सोच वाले दलों को संसद में सरकार को घेरने के लिए एक दूसरे के साथ मिलकर तालमेल से काम करना चाहिए। 

कांग्रेस ने सरकार को घरेने की तैयारी की

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे और झामुमो के हेमंत सोरेन जेईई/नीट और जीएसटी मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों की हालिया बैठक के दौरान यह विचार व्यक्त कर चुके हैं। कांग्रेस रणनीति समूह एक बार बैठक कर चुका है और इस दौरान सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा की गयी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को संप्रग के सहयोगियों और समान सोच वाले दलों से संपर्क करने को कहा गया है ताकि संसद के बाहर और भीतर सरकार के खिलाफ एकजुटता दिखायी जाए। 

'विपक्षी दल संसद में जनता के मुद्दों को उठाएंगे'

तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने पूर्व में कहा था कि समान सोच वाले विपक्षी दल संसद में एक साथ काम करेंगे और जनता के मुद्दों को उठाएंगे। उन्होंने कहा था कि संसद में ऐसे दलों के बीच आपसी तालमेल होगा। माकपा नेता सीताराम येचुरी ने रविवार को कहा कि विपक्ष की संयुक्त रणनीति के लिए विचार-विमर्श चल रहा है। भाकपा नेता डी राजा ने भी कहा कि इस संबंध में विपक्षी नेताओं की जल्द ही बैठक होगी। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बढ़े तनाव के संबंध में विपक्ष इस पर सरकार से जवाब की मांग करेगा। देश में कोविड-19 के बढ़ रहे मामलों को लेकर भी चर्चा होने की संभावना है।

फेसबुक मामले को लेकर भी हो सकती है गर्मागर्म बहस

फेसबुक को लेकर भी संसद में गर्मागर्म बहस हो सकती है। नीट समेत कई अन्य परीक्षाएं कराने का मुद्दा भी उठाया जा सकता है। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच परीक्षाएं आयोजित कर सरकार ने छात्रों के जीवन को खतरे में डाला है। कांग्रेस हालिया समय में सरकार द्वारा जारी अध्यादेश का भी विरोध कर सकती है। सरकार ने 11 अध्यादेश जारी किए हैं।

शून्य काल में भी होगी कटौती 

सूत्रों ने बताया कि राज्यसभा में कांग्रेस के मुख्य व्हिप और रणनीति समूह के संयोजक जयराम रमेश ने पार्टी के नेताओं को इन अध्यादेशों के गुण-दोष के बारे में बताया है। इस सत्र में प्रश्न काल को हटाने के मुद्दे को भी विपक्षी दलों के नेता उठा सकते हैं। अधिकारियों ने कहा है कि इस बार प्रश्नकाल नहीं होगा और निजी विधेयक पेश नहीं होंगे तथा शून्य काल में भी कटौती होगी। दोनों सदनों में कांग्रेस के नेता प्रश्न काल को बहाल करने के लिए राज्यसभा सभापति और लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखेंगे। 

सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस सीमा पर चीनी आक्रामकता के मुद्दे, देश की आर्थिक स्थिति और जीडीपी में गिरावट, बेरोजगारी तथा प्रवासी मजदूरों की दिक्कतों के अलावा, राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति एवं फेसबुक से जुड़े विवाद के संबंध में अल्पावधि चर्चा और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव की मांग करेगी। बहरहाल, आगामी सत्र के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। कोविड-19 महामारी के कारण इस बार संसद की बैठक के लिए कई तरह के इंतजाम किए गए हैं।

सांसदों, उनके सहायक कर्मचारियों, सुरक्षा कर्मियों और मीडियाकर्मियों को सत्र के पहले कोविड-19 की जांच करवानी होगी। इस बार का सत्र एक अक्टूबर तक चलेगा। अधिकारियों ने बताया कि पहले दिन को छोड़कर राज्यसभा की बैठक सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक होगी। लोकसभा की बैठक शाम में तीन बजे से शुरू होगी और यह सात बजे तक चलेगी। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन के कारण मानसून सत्र के पहले दिन सदन की कार्यवाही स्थगित होने का अनुमान है। 

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