लॉकडाउन के दौरान देश भर के प्रवासी श्रमिकों को अपने घर तक पहुंचाने में श्रमिक स्पेशल ट्रेनों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। करीब एक महीने परिचालन में रहने के बाद अब इन ट्रेनों की मांग घट रही है। इस बीच रेलवे ने दिल्ली से फिलहाल कोई भी नई श्रमिक स्पेशल ट्रेन न चलाने का निर्णय लिया है। रेलवे के अनुसार दिल्ली से 31 मई को आखिरी तीन ट्रेनों को रवाना किया गया था। इसके बाद से दिल्ली सरकार ने कोई भी ट्रेन की मांग नहीं की है।
रेलवे के अधिकारियों के अनुसार दिल्ली से 31 मई को 3 ट्रेनों का परिचालन हुआ था। इसमें से एक ट्रेन आनंद विहार से पुरनिया, आनंद विहार से भागलपुर और हजरत निजामुद्दीन से महोबा के लिए किया गया था। इसके बाद से दिल्ली से एक भी श्रमिक स्पेशल ट्रेन रवाना नहीं हुई है। ऐसे में दिल्ली से कोई नई मांग न होने के चलते श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन फिलहाल समाप्त कर दिया गया है। हालांकि अधिकारियों ने यह भी बताया कि यदि दिल्ली सरकार से कोई नई मांग आती है तो फिर से इन ट्रेनों का परिचालन शुरू किया जा सकता है।
रेलवे ने 57 लाख से अधिक प्रवासी यात्रियों को पहुंचाने के लिए एक मई से 4155 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलायी हैं। ये ट्रेनें विभिन्न राज्यों से रवाना हुईं। पांच राज्यों या केंद्रशासित प्रदेशों से सर्वाधिक ट्रेनें चलीं। गुजरात से सर्वाधिक 1027 ट्रेनें, महाराष्ट्र से 802, पंजाब से 416, उत्तर प्रदेश से 288 तथा बिहार से 294 ट्रेनें रवाना हुईं। इन ट्रेनों के गंतव्य विभिन्न राज्यों में थे। उत्तर प्रदेश में 1670 ट्रेनें, बिहार में 1482 ट्रेनें, झारखंड में 194, ओडिशा में 180 ट्रेनें और पश्चिम बंगाल में 135 ट्रेनें पहुंचीं। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अब चल रही ट्रेनें किसी भी यातायात संबंधी भीड़भाड़ का सामना नहीं कर रही हैं। इन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के अलावा रेलवे 15 जोड़ी राजधानी स्पेशल ट्रेनें भी चला रही है ।