नई दिल्ली: बिहार में कानून की आड़ में अपराध का एक ऐसा सच स्टिंग ऑपरेशन में सामने आया है जिसे जानकर आप भी चौंक जाएंगे। लोगों का कत्ल करने के बाद अपराधी जेल जाता है फिर जेल से बाहर आकर अपराध का खेल शुरू कर देता है। ये अपराधी सिर्फ इसलिए जेल से बाहर निकल आते हैं क्योंकि इनकी तरफ से अदालत में झूठा सर्टिफिकेट दिया जाता है। अदालत में यह बताया जाता है कि वे नाबालिग हैं।
हमारे देश में जो कानून है उसके मुताबिक नाबालिग को 18 साल से कम उम्र के अपराधी को ज्यादा से ज्यादा तीन साल की सजा हो सकती है। और नाबालिग अपराधी को बेल भी मिल जाती है। इन खूंखार अपराधियों ने इस कानून का फायदा उठाया और अदालत की आंख में धूल झोंक कर बार-बार बचते रहे, बार-बार अपराध करते रहे। ऐसे एक दो नहीं करीब सौ क्रिमिनल्स हैं जिनका बिहार में फर्जी आयु प्रमाण पत्र बनाया गया है।
देखें वीडियो
आज रात 9 बजे इंडिया टीवी पर रजत शर्मा ने खतरनाक जुर्म के इस बड़े खेल का खुलासा किया है। अपराधियों को नाबालिग का सर्टिफिकेट दिलाकर हत्यारों को अदालत की निगाह में बच्चा बतानेवाले शख्स का नाम है भवानी शंकर पांडे। भवानी मर्डर करने वाले आरोपियों को जुवेनाइल बताकर जेल से छुड़ा देता था। जिन अपराधियों की जगह जेल में होनी चाहिए थी उन्हें फेक सर्टिफिकेट के जरिए बेल दिलवाता था। जो पच्चीस साल की उम्र में मर्डर करते थे, उन्हें सोलह साल का बताकर जमानत दिलवाता था और ये अपराधी जेल से बाहर निकल कर दोबारा मर्डर करते थे।
भवानी शंकर पांडेय पटना में प्राइवेट स्कूल चलाता है। इसी स्कूल के नाम पर हार्ड कोर क्रिमिनल्स को फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट इश्यू करता है। स्टिंग ऑपरेशन से यह साबित हुआ कि भवानी शंकर अपराधियों को बचाने के लिए फर्जी सर्टिफिकेट बनवाता है और सालों से यह काम कर रहा है। लेकिन फीस क्राइम के हिसाब से लेता है। मर्डर का मामला है तो पचास हजार से शुरू करता है बाद में बीस हजार पर मान जाता है, लेकिन जमानत की पूरी गारंटी लेता है। पटना में जिस परिवार के बेटे का मर्डर हुआ उसी परिवार ने इस प्रिसिंपल का स्टिंग ऑपरेशन किया। इसी स्टिंग ऑपरेशन में भवानी शंकर ने साफ साफ कबूल किया कि वो फर्जी AGE सर्टिफिकेट बनाता है। आज से नहीं काफी पहले से कर रहा है, लेकिन इसके लिए मोटी फीस वसूलता है।
जमानत पानेवाले अपराधी
1.मक्खन गोप उर्फ रमेश कुमार
पटना से सटे दानापुर इलाके में मक्खन गोप का आतंक है। बच्चा-बच्चा इसका नाम जानता है। इसके खिलाफ मर्डर के 20 केस चल रहे हैं, अकेले दानापुर थाने में 16 केस दर्ज हैं। अभी जेल में बंद है, बाहर आने की तैयारी में है, इसकी उम्र करीब सत्ताइस साल है, लेकिन कागजों पर ये अब भी नाबालिग है। एक स्कूल से इसने फेक बर्थ सर्टिफिकेट बनवाया है, जिसमें इसके जन्म की तारीख 5 जनवरी 2000 लिखी है। यानि सर्टिफिकेट के हिसाब से अभी ये सिर्फ 17 साल का है।
2.विश्वजीत कुमार उर्फ पिंकू जायसवाल
यह तस्वीर है विश्वजीत कुमार उर्फ पिंकू जायसवाल की। इसके खिलाफ भी हत्या और बम ब्लास्ट जैसे 20 केस दर्ज हैं। इसने एक ही परिवार के तीन लोगों का मर्डर किया था। इसकी असली उम्र 30 साल के आसपास है, लेकिन कागजों पर ये अबतक 18 साल का नहीं हुआ है। इसने एक फेक बर्थ सर्टिफिकेट बनवाया है, जिसमें इसके जन्म की तारीख 2 जुलाई 1999 लिखी है। जबकि साल 2005 में बम विस्फोट के केस में यह जेल जा चुका है। यानि कागजों के हिसाब से 2005 में जब ये जेल गया था उस वक्त इसकी उम्र सिर्फ 6 साल थी। आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि ऐसा कैसे हो सकता है।
3.भोला सिंह
यह तस्वीर भोला सिंह की है। इसके खिलाफ भी हत्या के पांच केस दर्ज हैं। भोला की उम्र भी 25 साल से ज्यादा है, लेकिन बर्थ सर्टिफिकेट पर पिछले साल दिसंबर में यह 18 साल का हुआ है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि भोला सिंह के पिता की हत्या 1996 में हुई थी, और बर्थ सर्टिफिकेट पर इसके जन्म की तारीख लिखी है 10 दिसंबर 1998. यानि सर्टिफिकेट के मुताबिक पिता की मौत के दो साल बाद भोला सिंह का जन्म हुआ है।
4.रंजीत उर्फ बिट्टू
यह तस्वीर रंजीत उर्फ बिट्टू की है। इसके खिलाफ भी हत्या के चार केस चल रहे हैं। अकेले पटना के बेउर थाने में आठ मामले दर्ज हैं। बिट्टू की असली उम्र करीब 25 साल है लेकिन रंजीत उर्फ बिट्टू ने भी फेक बर्थ सर्टिफिकेट बनवाकर बेल के लिए अप्लाई किया। जब जुर्म किया तो खुद को नाबालिग दिखाया। फिलहाल पुलिस इसकी उम्र वेरीफाई कर रही है। बिट्टू अभी जेल में ही है।