नयी दिल्ली: केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने बुधवार को कहा कि देश में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों में लगभग चार प्रतिशत मरीज ही गंभीर स्थिति में हैं, और इनमें से सिर्फ 0.33 प्रतिशत मरीजों को हालत ज्यादा गंभीर होने के कारण वेंटिलेटर पर रखा गया है। डा.हर्षवर्धन ने सामाजिक संगठन ‘लायंस क्लब इंटरनेशनल’ के प्रतिनिधियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक में कहा कि देश में कोरोना के सिर्फ 0.33 प्रतिशत मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा गया है, 1.5 प्रतिशत मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत है जबकि संक्रमण के लक्षणों की अधिकता वाले 2.34 प्रतिशत मरीजों का सघन चिकित्सा केन्द्र (आईसीयू) में इलाज किया जा रहा है। डा. हर्षवर्धन ने देश में कोरोना संक्रमण फैलने की गति में निरंतर गिरावट आने और संक्रमण से स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुये कोविड-19 के खिलाफ वैश्विक अभियान में भारत की कामयाबी के प्रति विश्वास व्यक्त किया।
उल्लेखनीय है कि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में बुधवार को कोरोना वायरस के संक्रमण से अब तक 1008 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कोविड-19 से संक्रमित हुये मरीजों की कुल संख्या 31,787 हो गयी है। अस्पतालों में अभी 22,982 मरीजों का इलाज चल रहा है। डा. हर्षवर्धन ने कोरोना के खिलाफ अभियान की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुये कहा कि देश में संक्रमित मरीजों की संख्या दोगुना होने की दर पिछले तीन दिनों में बढ़ कर 11.3 दिन हो गयी है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के मरीजों की भारत में मृत्यु दर, अन्य देशों से कम है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर मृत्यु दर सात प्रतिशत है जबकि भारत में यह तीन प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि भारत में मरने वाले संक्रमित मरीजों में 86 प्रतिशत ऐसे हैं जो पहले से किसी बीमारी से पीड़ित होने के कारण क्षीण रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ अभियान में वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये बहुस्तरीय रणनीति को अपनाया गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि समाज के सभी वर्गों की सक्रिय भागीदारी के बलबूते, भारत इस महामारी से उबरने में कामयाब होगा।
डा.हर्षवर्धन ने देश में कोरोना संक्रमण के परीक्षण का दायरा बढ़ाये जाने के उपायों की जानकारी देते हुये कहा कि इस समय राष्ट्रीय स्तर पर औसतन 60 हजार परीक्षण प्रतिदिन हो रहे हैं और इसे अगले महीने के अंत तक एक लाख प्रतिदिन करने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि पूरे देश में 288 प्रयोगशालायें सक्रिय हैं, इनमें निजी क्षेत्र की 97 प्रयोगशालायें और 16 सेंपल कलेक्शन केन्द्र भी शामिल हैं।