नई दिल्ली: मानसून की पिछले एक महीने से जारी सक्रियता के दौरान राज्यों में बारिश का स्तर असमान रहा है। मानसून के दायरे में आए दिल्ली सहित लगभग एक तिहाई राज्यों में बादल तो छाए रहे लेकिन बरसे नहीं। मौसम विभाग के सात जुलाई तक के आंकड़े बताते हैं कि महाराष्ट्र सहित कुछ राज्यों में तो मूसलाधार बारिश से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है, वहीं मौसम के लिहाज से 36 मंडलों में से 12 मंडल में अनुमान से कम बारिश दर्ज की गई है।
कई राज्यों में सामान्य से 18 प्रतिशत कम बरसे बादल
मानसून के शुरुआती एक महीने के आंकड़ों के मुताबिक 12 राज्यों जिनमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, मणिपुर और असम में सात जुलाई तक सामान्य से 18 प्रतिशत कम बारिश हुई है। वहीं, मौसम संबंधी 24 मंडलों से जुड़े सात राज्यों जम्मू कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, महाराष्ट्र, मिजोरम, पुडुचेरी और तमिलनाडु में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई। बड़े राज्यों में कम बारिश का सीधा असर खरीफ की फसलों पर पड़ने की आशंका है।
मौसम विभाग के अनुसार उत्तर प्रदेश में 42 फीसदी कम बारिश हुई
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल खरीफ की फसलों धान, दालों, तिलहन और कपास की बुआई 334 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई है। यह पिछले साल छह जुलाई तक 389 लाख हेक्टेयर में हुई इन फसलों की बुआई से 14.2 प्रतिशत कम है। मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 42 प्रतिशत, उड़ीसा में 30 प्रतिशत, बिहार और छत्तीसगढ़ में 20 प्रतिशत तथा झारखंड में 31 प्रतिशत कम बारिश हुई। उल्लेखनीय है कि ये राज्य खरीफ की फसल के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं।
681 जिलों में से 256 जिलों में बहुत कम बारिश हुई
इन राज्यों में जिलास्तरीय आंकड़े बताते हैं कि मानसून के दायरे वाले 681 जिलों में से 256 जिलों में बहुत कम बारिश हुई। जबकि 182 जिलों में अनुमान से अधिक और 210 जिलों में सामान्य बारिश दर्ज हुई। इनमें उत्तर प्रदेश के आजमगढ़, इलाहाबाद, अमेठी, बाराबंकी, फैजाबाद, बलिया और फतेहपुर सहित 56 जिले, झारखंड में चतरा, धनबाद, गिरिडीह और बोकारो सहित 19 जिले, बिहार के पटना, औरंगाबाद, भोजपुर, नालंदा, मुजफ्फरपुर, खगड़िया, सीवान और लखीसराय सहित 23 जिले, मध्य प्रदेश में शिवपुरी, ग्वालियर और गुना सहित 27 जिले तथा उड़ीसा में कालाहांडी और कंधमाल सहित 21 जिलों में बारिश का स्तर कम रहा है। जबकि गुजरात में अहमदाबाद, नर्मदा और पाटन सहित 28 जिले, पश्चिम बंगाल के दस जिले, छत्तीसगढ़ के 13 और मेघालय के दस जिले कम बारिश की चपेट में हैं।
मौसम विभाग के अधिकारियों ने मानसून की असमान बारिश पर फिलहाल कोई आधिकारिक टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जुलाई में मानसून के पूर्वानुमान के हवाले से कम बारिश वाले इलाकों में इसकी सक्रियता को देखते हुए भरपाई होने की उम्मीद जताई है।