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मेघालय खदान हादसे को एक महीना पूरा, फंसे 15 खनिकों की जिंदगी की उम्‍मीद में कोशिश जारी

मेघालय के ईस्ट जयंतिया हिल्स जिले में एक अवैध रैटहोल खदान में अचानक पानी भर जाने से खनिकों के अंदर फंस जाने की घटना को पूरे एक माह हो गए हैं।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: January 14, 2019 12:21 IST
Meghalaya mine collapse- India TV Hindi
Meghalaya mine collapse

मेघालय के ईस्ट जयंतिया हिल्स जिले में एक अवैध रैटहोल खदान में अचानक पानी भर जाने से खनिकों के अंदर फंस जाने की घटना को पूरे एक माह हो गए हैं। अब तक के बचाव संबंधी प्रयासों के लगातार विफल होने के कारण यह उम्मीद बेहद क्षीण हो चुकी है कि इन खनिकों को सही सलामत बाहर निकाला जा सकेगा। खदानों में अपने काम के लिये महारथ रखने वाले वैज्ञानिकों की एक शीर्ष टीम बचाव अभियान को गति देने के लिए रविवार को ईस्ट जयंतिया हिल्स जिला पहुंची। इस बचाव अभियान को देश का सबसे लंबा चलने वाला बचाव अभियान बताया जा रहा है। 

बचाव अभियान के प्रवक्ता आर सुस्नगी ने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा को बताया कि हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान, वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (एनजीआईआर-सीएसआईआर) और ग्रैविटी एंड मैग्नेटिक ग्रुप के विशेषज्ञों की एक टीम बचाव स्थल पहुंच गई है। उन्होंने कहा, इसके अलावा 'ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रेडार' (जीपीआर) और चेन्नई स्थित 'रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल' (आरओवी) की एक टीम भी बचाव मिशन में मदद के लिए पहुंची है। 

अधिकारी ने कहा कि अब तक 370 फुट गहरी खदान से एक करोड़ लीटर पानी निकाला जा चुका है, लेकिन जलस्तर में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं आया है। उन्होंने कहा कि पास ही में मौजूद अन्य खदानों से भी दो करोड़ लीटर पानी निकाला जा चुका है क्योंकि आशंका थी कि ये खदानें आपस में जुड़ी हुई हैं। हालांकि बचावकर्मी इस बात का पता नहीं लगा पाए हैं कि पानी कैसे और कहां से आ रहा है। बचाव अभियान में कई सरकारी एजेंसियों के करीब 200 कर्मी लगे हुए हैं, जिसमें नौसेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के अलावा कोल इंडिया और किर्लोस्कर ब्रदर्स लि के कर्मी शामिल हैं। बचाव अभियानों की निगरानी कर रहे उच्चतम न्यायलय ने बचाव एजेसियों को खनिकों को जीवित या मृत बाहर निकालने का निर्देश दिया है। 

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