पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए आतंकी हमले से सबक लेते हुए इस समय सुरक्षाबल अमरनाथ यात्रा को लेकर मुस्तैद हैं। ऐसे में जब अमरनाथ यात्रियों का काफिला हाइवे से गुजरता है तो सुरक्षा बल उस समय आम ट्रैफिक रोक देते हैं। इससे जहां अमरनाथ यात्रियों को खाली रास्ता मिलता है, वहीं उनकी सुरक्षा पर भी खतरा नहीं होता। इससे आम लोगों को शायद कोई परेशानी न हो, लेकिन राजनीतिक दलों को इससे परेशानी हो रही है। राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अबदुल्ला ने इसे लेकर सरकार की अक्षमता पर सवाल उठाए हैं।
नेशनल कॉन्फेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह ‘अक्षमता और आलस्य’ की पराकाष्ठा है कि राज्यपाल एस पी मलिक की अगुवाई वाला प्रशासन अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के लिए श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर नागरिक यातायात रोकना चाहता है। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल प्रशासन 30 वर्षों में एकमात्र प्रशासन है जिसे राजमार्ग बंद करने की जरूरत महसूस हुई।
उन्होंने ट्वीट किया,
‘‘ऐसा नहीं है कि हम यात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित नहीं है। इससे भी ज्याद। वह यह है कि राज्यपाल मलिक का प्रशासन ही 30 वर्षों में एकमात्र ऐसा प्रशासन है जिसे यात्रियों की सुरक्षा के लिए राजमार्ग / रेलवे लाइन को बंद करने की जरूरत महसूस हुई और यह अक्षमता और आलस्य की पराकाष्ठा है।’’
वहीं महबूबा मुफ्ती भी सरकार पर हमला बोलने में पीछे नहीं रहीं। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अमरनाथ यात्रा के नाम पर कश्मीरियों को परेशान न किया जाए। यदि ऐसा हुआ तो कड़वाहट बढ़ेगी।