Wednesday, December 25, 2024
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ओडिशा में कोरोना वायरस के 1,927 नए मामले सामने आए, 69 मरीजों की मौत

ओडिशा में बुधवार को कोविड-19 से 69 मरीजों की मौत हुई, जिसके बाद कुल मृतक संख्या बढ़कर 5,241 हो गई। वहीं, इस अवधि में 1,927 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 9,59,986 हो गई।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : July 21, 2021 16:04 IST
Odisha logs record 69 fatalities, 1,927 new COVID-19 cases
Image Source : PTI ओडिशा में बुधवार को कोविड-19 से 69 मरीजों की मौत हुई, जिसके बाद कुल मृतक संख्या बढ़कर 5,241 हो गई।

भुवनेश्वर: ओडिशा में बुधवार को कोविड-19 से 69 मरीजों की मौत हुई, जिसके बाद कुल मृतक संख्या बढ़कर 5,241 हो गई। वहीं, इस अवधि में 1,927 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 9,59,986 हो गई। इस तटीय राज्य में फिलहाल 19,685 मरीजों का उपचार चल रहा है। वहीं, मंगलवार को 2,341 मरीजों के संक्रमण मुक्त होने के बाद कुल स्वस्थ हुए लोगों की संख्या बढ़कर 9,35,007 हो गई। राज्य में सबसे ज्यादा 22 लोगों की मौत खुर्दा जिले में हुई। राजधानी भुवनेश्वर इसी जिले का हिस्सा है। 

कोविड-19 के कुल 1,927 नए मामलों में से 1,115 मामले पृथकवास केंद्रों से सामने आए हैं। वहीं संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए लोगों की जांच के बाद अन्य नए मामले सामने आए। खुर्दा जिले से सबसे ज्यादा 498 नए मामले सामने आए। ओडिशा में संक्रमण दर 6.28 फीसदी है। राज्य में अब तक 1,46,42,944 लोगों को वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है, जिनमें से 2,18,538 को मंगलवार को वैक्सीन की खुराक दी गई। प्रशासन को मंगलवार को कोवैक्सीन की 38,130 खुराक और कोविशील्ड की तीन लाख खुराक मिली।

वहीं, पुरी में कर्फ्यू और कड़ी सुरक्षा के बीच भगवान जगन्नाथ की वापसी रथ यात्रा बहुदा यात्रा मंगलवार को श्रद्धालुओं की अनुपस्थिति में शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गई। कोविड-19 के चलते इस यात्रा में भीड़ होने से रोकने के लिए शहर को एक तरह से ठप कर दिया गया था। बहुदा यात्रा या भगवान जगन्नाथ की वापसी यात्रा भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र द्वारा जन्म स्थान की नौ दिवसीय वार्षिक यात्रा के बाद वापसी के रूप में मनाई जाती है। 

इस दौरान भगवान लकड़ी के बने रथ से वापसी करते हैं। भीड़ को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा यहां 48 घंटे का कर्फ्यू सोमवार को रात आठ बजे लगाया गया था। भगवान बलभद्र तलध्वज पर देवी सुभद्रा दरपदलन और भगवान जगन्नाथ नंदीघोष पर सवार होकर मुख्य मंदिर के सिंह द्वार पर पूर्व निर्धारित समय से पहले ही पहुंच गए। केवल सेवादारों ने ही रथ को खींचा और इस दौरान सुरक्षा बलों ने सुनिश्चित किया कि कोई भी अनधिकृत व्यक्ति महामार्ग पर रथ खींचने के लिए नहीं पहुंचे। यह लगातार दूसरा साल है जब कोरोना वायरस वायरस की महामारी की वजह से बिना श्रद्धालुओं के भीड़ के रथ यात्रा संपन्न हुई।

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