नई दिल्ली। दिल्ली में प्रदूषण के लगातार बढ़ते स्तर को काबू में करने के लिए राज्य सरकार फिर से Odd-Even नियम लागू कर सकती है जिसके तहत दिल्ली में निजी वाहनों की आवाजाही काबू में की जा सकती है। खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर राज्य सरकार फिर से Odd-Even नियम को लागू कर सकती है। मंगलवार को अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार प्रदूषण को काबू में करने के लए कई कदम उठा रही है, उन्होंने कहा कि दिल्ली में पेड़ पौधे लगाए जाने के लिए अभियान छेड़ा गया है, 3000 से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसें खरीदी जा रही हैं, सोमवार को सबसे बड़ी मेट्रो योजनाओं में से एक को मंजूरी दी गई है और जरूरत पड़ी तो सरकार फिर से Odd-Even नियम लागू करेगी।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता मंगलवार को लगातार चौथे दिन ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी रही। अधिकारियों ने बताया कि मौसमी परिस्थितियां प्रदूषक तत्वों के बिखराव के लिए प्रतिकूल बनी हुई हैं। दीपावली के बाद से ही शहर प्रदूषण के सबसे बुरे संकट का सामना कर रहा है। एक ओर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के डेटा के मुताबिक, समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 416 के ‘गंभीर’ स्तर पर रहा वहीं केंद्र संचालित वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान प्रणाली (सफर) ने 423 एक्यूआई दर्ज किया। सीपीसीबी के मुताबिक, सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी के 25 इलाकों में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ दर्ज की गई जबकि नौ इलाकों में यह बहुत खराब श्रेणी में रही। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में नोएडा, फरीदाबाद, गाजियाबाद में गंभीर वायु प्रदूषण दर्ज किया गया जबकि गुड़गांव में हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ रही। सीपीसीबी ने बताया कि यहां हवा में अतिसूक्ष्म कणों पीएम 2.5 का स्तर 271 रहा जबकि पीएम 10 का स्तर 422 दर्ज किया गया।
शनिवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई थी। राष्ट्रीय राजधानी में रविवार को इस साल का दूसरा सबसे ज्यादा प्रदूषण स्तर दर्ज किया गया जब एक्यूआई 450 पहुंच गया था। सफर के मुताबिक, दिल्ली में मंगलवार तक एक्यूआई ‘गंभीर’ श्रेणी में बना रहेगा। संस्थान ने कहा, “वायु गति धीमी होने के चलते सुधार में देर हो रही है जिससे धुंध अभी भी छाई हुई है जो सूक्ष्म कणों को तेजी से बढ़ा रही है। इसके चलते पीएम 2.5 और यहां तक कि पीएम 1 में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।” सफर ने कहा, “मंगलवार की देर शाम तक सुधार की संभावना है जब रेडिएशन फॉग पर्याप्त धूप से बिखर सकेगा।”
संस्थान ने कहा, “प्रदूषक तत्वों के बिखराव के लिए वायु की गति और वेंटिलेशन सूचकांक बेहद प्रतिकूल है।” इसने बताया कि सोमवार को वेंटिलेशन सूचकांक प्रति सेकेंड 5,000 वर्ग मीटर रहा। ईपीसीए के प्रमुख भूरे लाल ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के गंभीर स्तर को देखते हुए प्रदूषण फैलाने वाले मुख्य केंद्रों वजीरपुर, मुंडका, नरेला, बवाना, साहिबाबाद और फरीदाबाद में औद्योगिक गतिविधियां और दिल्ली-एनसीआर में निर्माण कार्य बुधवार तक बंद रहेंगे।