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बिहार: थोड़ी सी चूक से बढ़ी कोरोना संक्रमितों की संख्या, प्रवासियों ने बढ़ाई चिंता

बिहार में प्रवासी मजदूरों के आने के बाद कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या में तेजी से वृद्धि दर्ज की गई। अब कहा जा रहा है कि आने वाले प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्यों में भेजे जाने के पहले ही उनकी जांच हो जाती और उनका इलाज हो जाता, तो शायद कोरोना संक्रमण की रफ्तार को रोका जा सकता था।

Reported by: IANS
Published on: May 19, 2020 16:19 IST
बिहार: थोड़ी सी चूक से...- India TV Hindi
Image Source : PTI बिहार: थोड़ी सी चूक से बढ़ी कोरोना संक्रमितों की संख्या, प्रवासियों ने बढ़ाई चिंता

पटना: बिहार में प्रवासी मजदूरों के आने के बाद कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या में तेजी से वृद्धि दर्ज की गई। अब कहा जा रहा है कि आने वाले प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्यों में भेजे जाने के पहले ही उनकी जांच हो जाती और उनका इलाज हो जाता, तो शायद कोरोना संक्रमण की रफ्तार को रोका जा सकता था। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पिछले चार दिनों में बिहार में 400 से ज्यादा पॉजिटिव मामले सामने आए। विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार द्वारा जारी आंकडों पर गौर करें तो अन्य राज्यों से विशेष ट्रेनों से आए प्रवासी मजदूरों में से 8337 नमूनों की जांच की गई है, जिसमें 651 पॉजिटिव पाए गए हैं।

उन्होंने बताया कि इनमें सबसे अधिक दिल्ली से आए मजदूर हैं। दिल्ली से आए लोगों में से 1362 लोगों के नमूने लिए गए, जिसमें से 835 लोगों के नमूनों की जांच की गई। इसमें 218 लोग पॉजिटिव पाए गए, जो 26 प्रतिशत है।

ऐसी ही स्थिति पश्चिम बंगाल से आने वाले मजदूरों की भी है। विभाग द्वारा सोमवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल से आने वाले 12 प्रतिशत प्रवासी मजदूर पॉजिटिव पाए गए, जबकि महाराष्ट्र से आने वाले प्रवासी मजदूरों में 11 प्रतिशत मजदूर पॉजिटिव पाए गए। इसके अलावे हरियाणा से लौटने वाले मजदूरों में से नौ प्रतिशत लोग पॉजिटिव पाए गए।

इधर, अभी बिहार में मजदूरों के आने का सिलसिला जारी है। परिवहन नोडल पदाधिकारी और परिवहन विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने बताया, "अगले 8 दिनों के लिए अग्रिम योजना बनाई गई है यानी 26 मई तक 505 ट्रेनें आएंगी। राज्य के नोडल पदाधिकारी संपर्क में हैं, जो लोगों को बिहार लाने के लिए विभिन्न राज्यों से संपर्क बनाए हुए हैं। उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, गुजरात आदि राज्यों से लोग आ रहे हैं। साथ ही दक्षिण भारत से भी लोग आ रहे हैं।"

18 राज्यों से ट्रेनों के कार्यक्रम बनाए गए हैं इससे 8 लाख अतिरिक्त लोग आने की संभावना है। उन्होंने बताया कि ट्रेनों से आने वाले लोगों को स्टेशन पर से ही बसों के माध्यम से विभिन्न जिलों के मुख्यालयों तक भेजा जा रहा है, जहां से उन्हें प्रखंड क्वोरेंटीन सेंटर पर भेजा जा रहा है। इसके लिये 4500 बसों को लगाया गया है।

इधर, पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक ड विमल कारक ने बताया कि प्रवासी सीधे गांव पहुंच जाते तो संक्रमण कितना फैलता, इसका अंदाज लगाना मुश्किल था। संक्रमण रोकने में क्वारेंटीन सेंटर काफी कारगर साबित हो रहा है। वे कहते हैं, "गुजरात, दिल्ली और महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में प्रवासी आ रहे हैं। गांव में उनके घर में प्रवेश करने से पहले क्वॉरंटीन सेंटर में समय गुजारने से उनके परिवार और समाज के लोगों में संक्रमण का भय लगभग खत्म हो जाता है।"

उल्लेखनीय है कि बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1442 तक पहुंच गई है। 18 मई को जहां राज्य में 116 पॉजिटिव मिले थे, वहीं 17 मई को 148 और 16 मई को 99 लोग पॉजिटिव पाए गए थे।

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