नई दिल्ली: बॉर्डर पर जारी तनाव के बीच भारत ने पाकिस्तान की टेंशन और बढ़ा दी है। बीती शाम भारत ने अपने ताकत का ऐहसास कराते हुए पृथ्वी-2 मिसाइल का सफल परीक्षण किया। ये मिसाइल सतह से सतह पर मार करने और परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। यह परीक्षण सेना द्वारा उपयोगकर्ता परीक्षण के तहत ओडिशा तट पर किया गया। अधिकारियों ने चांदीपुर में अंतरिम टेस्ट रेंज से कहा कि दो पृथ्वी-2 मिसाइलों का लगातार परीक्षण किया गया और दोनों परीक्षण सभी मानकों पर खरे उतरे।
उन्होंने बताया कि सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण शाम सात बजे से सवा सात बजे के बीच आईटीआर के लॉन्च कॉम्प्लेक्स-3 से एक मोबाइल लॉन्चर से 350 किलोमीटर की मारक क्षमता के साथ किया गया। उन्होंने बताया कि यह नियमित परीक्षण था। पृथ्वी-2 का रात के समय परीक्षण 21 फरवरी 2018 को भी सफलतापूर्वक किया गया था।
खास बात ये है कि इस बार ये टेस्ट रात में किया गया ताकि पता चल सके कि अंधेरे में ये हथियार कितना कारगर और सटीक है। पृथ्वी-2 मिसाइल पूरी तरह से स्वदेशी मिसाइल है जो 500-1000 किलोग्राम तक आयुध ले जाने में सक्षम है। इसके दो इंजन तरल ईंधन से चलते हैं। पृथ्वी-2 मिसाइल की यही खासियत इसे बाकी मिसाइलों से अलग करती है।
इससे पहले इसी महीने की 16 तारीख को अग्नि-2 का पहला रात्रि परीक्षण भी ओडिशा के डॉ. अब्दुल कलाम द्वीप से सफलतापूर्वक किया गया था। अग्नि-2 मिसाइल भी सतह से सतह पर वार करने की क्षमता रखती है और मध्यम दूरी की परमाणु क्षमता संपन्न मिसाइल है। अग्नि-2 की मारक क्षमता 1500 से 2000 किलोमीटर तक है।
इस मिसाइल को सिर्फ़ पाकिस्तान को ध्यान में रखकर बनाया गया था ताकि देश के किसी भी कोने से दाग़ी जा सके। 1999 में पहला टेस्ट और फिर 2010 में टेस्टिंग के बाद इसे स्ट्रैटेजिक फोर्स कमांड में शामिल कर लिया गया है।
भारत लगातार अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाने में जुटा है। फ्रांस में कल ही तीन राफेल जेट विमान भारतीय वायुसेना को सौंपे गए हैं। इन विमानों का इस्तेमाल फ्रांस में वायु सेना के पायलट और उसके टेक्निशियन की ट्रेनिंग के लिए किया जा रहा है।
भारत और फ्रांस ने 36 राफेल विमानों के लिए सितंबर 2016 में लगभग 59,000 करोड़ रुपये के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। पहला राफेल विमान आठ अक्तूबर को भारत को सौंप दिया गया था। चार राफेल विमानों की पहले खेप मई 2020 तक भारत आ जाएगी।