नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की सलाह पर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह राजघाट के बदले अब बुधवार को यहां जंतर-मंतर पर अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों और विधायकों के साथ 'धरना' देंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय ने बुधवार को एक आधिकारिक बयान में कहा कि वह दोपहर 12 बजे राजघाट पर राष्ट्रपिता को नमन करने के बाद जंतर मंतर पहुंचेंगे। इससे पहले राजघाट पर होने वाले विधायकों के 'धरना' प्रदर्शन को अब राष्ट्रीय राजधानी में विभिन्न सुरक्षा प्रतिबंधों के मद्देनजर दिल्ली पुलिस के अनुरोध पर जंतर मंतर में स्थानांतरित कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को घोषणा की थी कि वह किसानों के आंदोलन के कारण माल गाड़ियों की आवाजाही की अनुमति देने के केंद्र के कथित मनाही के बीच राज्य के 'बिजली संकट और महत्वपूर्ण आवश्यक आपूर्ति' की स्थिति को हाईलाइट करने के लिए कांग्रेस के विधायकों के साथ बुधवार को राजघाट पर घरना प्रदर्शन करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान आंदोलन के बावजूद रेल मार्गों पर प्रदर्शनकारियों के अवरोध कम करने के बाद भी भारतीय रेलवे द्वारा मालगाड़ियों को न चलाने के निर्णय के कारण पंजाब में कोयला, यूरिया और डीएपी और अन्य आवश्यक आपूर्ति की कमी हो गई है।
इस कारण सभी बिजली संयंत्रों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है, साथ ही कृषि संबंधी और सब्जियों की आपूर्ति में भी कमी आई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने राज्य की गंभीर स्थिति को केंद्र के संज्ञान में लाने के लिए 'प्रतीकात्मक रिले धरना' आयोजित करने का निर्णय लिया है।
गौरतलब है कि इससे पहले मुख्यमंत्री कृषि संबंधी संशोधन विधेयकों पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर पाने में असफल रहे थे।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में सीआरपीसी की धारा 144 लागू की गई है, इसलिए पार्टी के विधायक दिल्ली के पंजाब भवन से चार बैचों में 'धरना' स्थल पर जाएंगे। वह पहले बैच का नेतृत्व करेंगे।