Saturday, December 21, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. प्रस्तावित कानून में सिर्फ ट्रिपल तलाक ही नहीं, ये चीजें भी शामिल हों: मुस्लिम महिला कार्यकर्ता

प्रस्तावित कानून में सिर्फ ट्रिपल तलाक ही नहीं, ये चीजें भी शामिल हों: मुस्लिम महिला कार्यकर्ता

तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) के खिलाफ विधेयक लाने की सरकार की तैयारी के बीच प्रमुख मुस्लिम महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने सरकार से प्रस्तावित कानून में निकाह हलाला और बहुविवाह समेत कई अन्य मुद्दों को भी शामिल करने की मांग की है...

Reported by: Bhasha
Published : December 17, 2017 12:51 IST
Representational Image | PTI File Photo
Representational Image | PTI File Photo

नई दिल्ली: तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) के खिलाफ विधेयक लाने की सरकार की तैयारी के बीच प्रमुख मुस्लिम महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने सरकार से प्रस्तावित कानून में अन्य मुद्दों को भी शामिल करने की मांग की है। मुस्लिम महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को इंसाफ दिलाने का मकसद तब तक पूरा नहीं हो सकता जब तक प्रस्तावित कानून में निकाह हलाला, बहुविवाह और बच्चों के संरक्षण जैसे मुद्दे को शामिल नहीं किया जाता। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बीते शुक्रवार को ‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक’ के मसौदे को स्वीकृति प्रदान की। इसे संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने की संभावना है। इस प्रस्तावित कानून में तीन तलाक देने वाले पति के लिए तीन साल की जेल और जुर्माने की सजा तथा पीड़िता के लिए गुजारा-भत्ते का प्रावधान किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त के अपने फैसले में तीन तलाक को गैरकानूनी और असंवैधानिक करार दिया था।

तीन तलाक की प्रथा के खिलाफ लंबी मुहिम चलाने वाले संगठन ‘भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन’ (BMMA) की सह-संस्थापक जकिया सोमन ने कहा, ‘सरकार जो विधेयक लेकर आ रही है, उसका हम स्वागत करते हैं। लेकिन मामला सिर्फ तीन तलाक तक सीमित नहीं है और हमारी लड़ाई किसी को सजा दिलाने की नहीं है, बल्कि मुस्लिम महिलाओं को इंसाफ दिलाने की है। निकाह हलाला, बहुविवाह, शादी की उम्र, बच्चों के सरंक्षण जैसे मुद्दों का अभी निदान नहीं हुआ है। इन मुद्दों का समाधान करके ही मुस्लिम महिलाओं को इंसाफ सुनिश्चित हो सकेगा।’ BMMA ने सरकार की ओर से लाए जा रहे विधेयक को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित कई प्रमुख विपक्षी नेताओं को पत्र लिखकर विधेयक का समर्थन करने का आग्रह किया है। जकिया ने कहा, ‘इस विधेयक को हम शुरुआत मान रहे हैं और चाहते हैं कि सभी दल मिलकर मुस्लिम महिलाओं के मुद्दों का समाधान करें। आगे हम दूसरे मुद्दों को लेकर प्रयास करते रहेंगे।’

जयपुर की सामाजिक कार्यकर्ता और ‘मुस्लिम वूमेन वेलफेयर सोसायटी’ की उपाध्यक्ष नसीम अख्तर ने कहा, ‘तीन तलाक के मामले को राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। सरकार नए कानून में मुस्लिम महिलाओं से जुड़े दूसरे मुद्दों को भी शामिल करे। सभी का मकसद यह होना चाहिए कि मुस्लिम महिलाओं की जिंदगी बेहतर हो।’ गौरतलब है कि नसीम अख्तर अपनी बहन का तीन तलाक से संबंधित मामला सुप्रीम कोर्ट लेकर गई थीं। सामाजिक कार्यकर्ता और ‘मुस्लिम वूमेन लीग’ की महासचिव नाइश हसन ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि आगे चलकर कानून में निकाह हलाला, बहुविवाह, मुता विवाह (अल्पकालिक विवाह) और बच्चों के संरक्षण के मुद्दों को भी शामिल किया जाए। हैरान करने वाली बात यह है कि लोग मुता विवाह के बारे में बात नहीं कर रहे जो महिलाओं के खिलाफ एक तरह का यौन अपराध है। इन मुद्दों का समाधान किया जाना जरूरी है।’

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement