श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शनिवार रात कहा कि राज्य में स्थिति शांतिपूर्ण है और पिछले एक हफ्ते में किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं मिली है। पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा, “पथराव की मामूली घटना को छोड़ कर किसी तरह की अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है जिससे तत्काल निपट लिया गया था और वहीं रोक दिया गया था।” वहीं, राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी ने लोगों से मनगढंत खबरों पर यकीन नहीं करने को कहा और कहा कि कश्मीर में पिछले छह दिनों में गोलीबारी की कोई घटना नहीं हुई है।
डीजीपी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान के बाद राज्य की स्थिति के संबंध में यह स्पष्टीकरण दिया। राहुल गांधी ने नई दिल्ली में मीडियाकर्मियों से कहा था कि स्थिति बहुत खराब है। गांधी के बयान के कुछ ही मिनट बाद श्रीनगर पुलिस ने ट्वीट किया कि स्थिति शांतिपूर्ण है। ट्वीट में कहा गया, “घाटी में स्थिति आज सामान्य थी। किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं मिली। कुछ चुनिंदा स्थानों पर प्रतिबंध अस्थायी रूप से हटाए गए थे।”
शनिवार को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में शामिल होने के बाद पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से चिंताजनक खबरें आ रही हैं और ऐसे में वहां के हालात के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूरी पारदर्शिता के साथ देश को बताना चाहिए। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि ‘‘कांग्रेस कार्य समिति की ओर से मुझे बुलाया गया क्योंकि अगले अध्यक्ष को चुनने के लिए चल रही चर्चा के बीच कुछ खबरें आई हैं कि जम्मू-कश्मीर में चीजें गलत हो रही हैं। हिंसा और लोगों की मरने की खबरें हैं। बैठक में प्रस्तुति दी गई कि जम्मू-कश्मीर में क्या हो रहा है।’’
गांधी ने कहा, ‘‘जो खबरें आ रही हैं उससे हम बहुत चिंतित हैं। बहुत जरूरी है कि प्रधानमंत्री और देश की सरकार देश को बताए कि जम्मू-कश्मीर में क्या हो रहा है, वहां हालात कैसे हैं, सब नियंत्रण में है या नहीं।’’ गौरतलब है कि सरकार ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के कई प्रावधान खत्म करने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटने का कदम उठाया है। उनके इस बयान के कुछ देर बाद ही जम्मू-कश्मीर पुलिस ने ट्वीट किया।
जम्मू क्षेत्र में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है जहां शनिवार को पांच जिलों में निषेधाज्ञा हटा ली गई और दो अन्य में कर्फ्यू में ढील दी गई। कश्मीर में स्थिति शांतिपूर्ण बनी रही जहां कुछ पाबंदियों में ढील दिये जाने के बाद वाहनों की आवाजाही बढ़ गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि करगिल क्षेत्र में बाजारों और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों में भारी भीड़ देखी गई क्योंकि लोगों ने ईद के लिए बड़े उत्साह के साथ खरीदारी की तथा स्कूल और कालेज खुले रहे।
अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि राज्य का विशेष दर्जा वापस लेने के बाद जनजीवन अब सामान्य हो रहा है। उन्होंने बताया कि पांच जिलों जम्मू, कठुआ, सांबा, उधमपुर और रियासी जिलों में सभी स्कूल और कॉलेज फिर से खुले और सरकारी कार्यालयों में लोगों की उपस्थिति बढ़ी। उन्होंने बताया कि डोडा और किश्तवाड़ जिलों में कर्फ्यू में ढील दी गई। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जम्मू क्षेत्र में स्थिति सामान्य हो रही है और पांच अगस्त के बाद से कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।
वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘इन (पांच) जिलों में सभी तरह की पाबंदियां हटा ली गईं हैं और सभी शैक्षणिक संस्थान आज फिर से खुले।’’ गृह मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाने के खिलाफ कश्मीर घाटी में पिछले कुछ दिनों में छिटपुट विरोध हुआ था और इनमें से किसी में भी 20 से ज्यादा लोग शामिल नहीं थे।
मंत्रालय के प्रवक्ता ने कश्मीर में लगभग 10 हजार लोगों द्वारा विरोध किये जाने संबंधी मीडिया रिपोर्ट को खारिज करते हुए इसे ‘‘मनगढ़ंत और गलत’’ बताया। अधिकारियों ने बताया कि पुंछ, रजौरी और रामबन जिलों में पाबंदियां जारी रहेंगी। प्रशासन ने जम्मू क्षेत्र के 10 जिलों में पांच अगस्त को सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी थी। किश्तवाड़ जिला विकास आयुक्त अंग्रेज सिंह राणा ने बताया कि नगर के कुछ हिस्सों हिस्सों में शाम सात बजे तक चरणबद्ध तरीके से कर्फ्यू में ढील दी गई। अधिकारियों ने बताया कि भद्रवाह नगर और डोडा जिले में इसके आसपास के क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से कर्फ्यू में ढील दी गई।
(इनपुट- भाषा)