हैदराबाद। तेलंगाना से एक ऐसा मामला सामने आया है जो एक समाज के तौर पर हमें सोचने पर मजबूर करता है। राज्य के जोगुलम्बा गददवाल जिले के वड्डेपल्ली मंडल में रामापुराम गांव के एक युवक को अंतिम संस्कार के लिए जेसीबी मशीन पर इसलिए लेकर जाना पड़ा क्योंकि कोई उसकी अर्थी को कांधा तक देने नहीं आया। युवक की आयु 32 वर्ष थी और वह हाल ही में तिरुपति बालाजी मंदिर से दर्शन करके लौटा था।
रामापुराम गांव के रहने वाले चार युवक मिलकर कुछ दिन पहले तिरुपति स्थित विश्व प्रसिद्ध बालाजी मंदिर में भगवान की दर्शन करने गए थे, वापस आने पर चारों में से एक युवक को कोरोना लक्ष्ण दिखे तो उसने टेस्ट करवाया जो पॉजिटिव मिला। युवक घरपर रहकर उपचार करा रहा है। उसी युवक के साथ का दूसरा युवक अस्पताल में जांच के लिए गया लेकिन उसमें लक्ष्ण नहीं थे। लक्ष्ण नहीं होने की वजह से अस्पताल ने जांच से मना कर दिया।
लेकिन मंगलवार रात को उस दूसरे युवक को सांस में काफी दिक्कत होने लगी पर ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं होने की वजह से उसका दम घुट गया और मौत हो गई।अगर अस्पताल में उसकी जांच होती तो शायद वह बच सकता था। युवक की मौत के बाद कोरोना संक्रमण के डर से अन्तिम संस्कार के लिए ले जाने के लिए कंधा देने के लिए कोई सामने नहीं आया, फिर परिजनों ने अमानवीय तरीका अपनाते हुए शव को अन्तिमसंस्कार के लिए जमीन खोदने वाले जेसीबी में लेकर गए और अन्तिमसंस्कार किये।
तेलंगाना उन राज्यों की श्रेणी में आ चुका है जहां पर कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। राज्य में अबतक कुल 49259 कोरोना वायरस मामले सामने आ चुके हैं और इस जानलेवा वायरस की वजह से राज्य में अबतक 438 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य के कुल 49259 कोरोना वायरस मामलों में 37666 लोग ठीक हो चुके हैं और 11155 केस अभी भी एक्टिव हैं।