नयी दिल्ली: सरकार का ट्रेनों में फ्लैक्सी किराया योजना को समाप्त करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि फ्लैक्सी किराया योजना से अधिक राजस्व अर्जित हुआ है, साथ ही फ्लैक्सी किराया वाली गाड़ियों में यात्रियों की संख्या गैर फ्लैक्सी किराया अवधि की तुलना में बढ़ी है।
उन्होंने यह भी बताया नौ सितंबर 2016 से राजधानी, शताब्दी एवं दूरंतो गाड़ियों में फ्लैक्सी किराया की अवधारणा शुरू की गई। इसके बाद विभिन्न पक्षों से मिले फीडबैक के आधार पर फ्लैक्सी किराया योजना की समीक्षा के लिए एक समिति गठित की गई। गोयल के अनुसार, समिति की सिफारिशों और अन्य अभ्यावेदनों के आधार पर जांच करने के बाद 15 मार्च 2019 से प्रायोगिक आधार पर फ्लैक्सी किराया योजना को युक्तिसंगत बनाया गया। इसके तहत फ्लैक्सी किराया योजना को 15 गाड़ियों से पूरी तरह और 32 गाड़ियों से तीन माह की पूर्व निर्धारित कम व्यस्त अवधि के दौरान समाप्त कर दिया गया।
उन्होंने बताया ‘‘साथ ही सभी फ्लैक्सी किराया वाली श्रेणियों में लागू फ्लैक्सी किराया योजना की अधिकतम सीमा को पूर्व में 1.5 गुना से घटा कर 1.4 गुना तक कर दिया गया है।’’