नई दिल्ली: मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गुरुवार को सरकार के हिंदी को अनिवार्य करने की मंशा संबंधी मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया। जावड़ेकर ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में किसी भाषा को अनिवार्य का दर्जा नहीं दिया जा रहा है।
प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट किया, "नई शिक्षा नीति पर बनी समिति ने अपने मसौदा रिपोर्ट में किसी भाषा को अनिवार्य करने की सिफारिश नहीं की है। मीडिया के एक वर्ग की भ्रामक रिपोर्ट को देखते हुए यह स्पष्ट करना जरूरी है।"
'द इंडियन एक्सप्रेस' के एक लेख में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया था कि सरकार नई शिक्षा नीति में हिंदी को कक्षा 8 तक अनिवार्य करेगी।
इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि के.कस्तुरीरंजन कमिटी ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को नई शिक्षा नीति का फाइनल ड्राफ्ट सौंपा है जिसमें देश भर के लिए विज्ञान और गणित के समान पाठ्यक्रम की अनुशंसा की है।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2017 का मसौदा तैयार करने के लिए प्रख्यात अंतरिक्ष वैज्ञानिक एवं पद्मविभूषण डॉ. के. कस्तूरीरंजन की अध्यक्षता में 9 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। नई शिक्षा नीति तैयार होने को लेकर एचआरडी मिनिस्ट्री कई बार डेडलाइन दे चुकी है।
इसे वैसे तो पिछले साल ही आना था, लेकिन फिर इस साल 31 मार्च तक की तारीख दी गई लेकिन इसके बाद फिर से पॉलिसी ड्राफ्ट बना रही कमिटी को और तीन महीने का वक्त दिया गया लेकिन जून तक भी पॉलिसी नहीं आ पाई। उसके बाद 31 दिसंबर, 2018 आखिरी तारीख तय की गई थी।