नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में बीते 29 सालों में 22 हजार से ज्यादा आतंकियों को मौत के घाट उतारा गया है। केंद्रीय राज्य गृह मंत्री जी किशन रेड्डी ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि "साल 1990 से लेकर 1 दिसंबर 2019 तक कश्मीर में 22557 आतंकियों को मारा गया है।" उन्होंने बताया कि "LoC से घुसपैठ की कोशिश के दौरान 2005 से 31 अक्टूबर 2019 तक 1011 आतंकी मारे गए, 42 आतंकी गिरफ्तार किए गए और 2253 आतंकियों को वापस भागना पड़ा।"
गृह राज्य मंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर आतंकवादियों द्वारा किये जाने वाले घुसपैठ के सीमापार से नियमित प्रयास प्रायोजित और समर्थित हैं। अगस्त 2019 के बाद से नियंत्रण रेखा पर सीमा पार से घुसपैठ के 84 प्रयास किये गए और इनमें 59 आतंकवादियों के घुस आने की आशंका है। उन्होंने कहा कि घुसपैठ के प्रयास जम्मू कश्मीर में हिंसा पैदा करने और मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने तथा घाटी में घटते आतंकवाद को बढ़ाने हेतु एक छद्म युद्ध के एजेंडे का हिस्सा है।
बता दें कि इससे पहले सोमवार को सरकार ने बताया था कि जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर 2016 से 2018 के दौरान आतंकी हमलों में 31 सैन्य कर्मी शहीद हुए हैं। रक्षा राज्य मंत्री श्रीपाद नाइक ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी थी। उन्होंने बताया कि 2016 में नियंत्रण रेखा पर हुए आतंकी हमलों में छह सैन्य कर्मी, 2017 में 13 सैन्य कर्मी और 2018 में 18 सैन्य कर्मी शहीद हुए हैं।
नाइक ने बताया था कि ‘‘आतंकी हमलों का मुकाबला करने के लिए सभी सीमाई चौकियां पर्याप्त रुप से सक्षम हैं। लगातार सुधार एवं अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग सहित विभिन्न प्रयासों से रक्षा संबंधी तैयारी को अधिक पुख्ता बनाया गया है। ’’ मंत्री ने बताया ‘‘सेना आतंकी घटनाओं और विभिन्न घटनाओं के दौरान चिह्नित सुरक्षा उल्लंघनों का गहन विश्लेषण भी करती है।’’