नयी दिल्ली: संसद ने मंगलवार को आयुध संशोधन विधेयक 2019 को मंजूरी दे दी जिसमें प्रतिबंधित हथियारों के निर्माण पर आजीवन कारावास तक की सजा और एक लाइसेंस पर अब केवल दो हथियार तक रखने का प्रावधान किया गया है। अभी तक एक लाइसेंस पर तीन हथियार रख सकते हैं। राज्यसभा ने विधेयक को चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया। लोकसभा ने इसे कल ही पारित कर दिया था। विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा, ‘‘ 1959 के अधिनियम में कई विसंगतियां थीं और इस विधेयक के माध्यम से उनको दूर किया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा कि गैर कानूनी हथियारों को बेचने और तस्करी करने वालों को आजीवन कारावास का प्रावधान किया गया है, इसमें किसी को आपत्ति नहीं हो सकती है। पुलिस से शस्त्र छीनने वाले और चुराने वालों के लिये भी सख्त प्रावधान किया गया है। प्रतिबंधित गोला-बारूद रखने वालों को 7 से 14 वर्ष की सजा का प्रावधान किया गया है। विधेयक में लाइसेंस हथियार के नवीनीकरण की अवधि को तीन साल से बढ़ाकर पांच साल किये जाने का प्रावधान किया गया है। विधेयक पर चर्चा के दौरान अधिकतर सदस्यों ने इस प्रावधान का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि त्योहारों, शादी विवाह के मौकों पर फायरिंग करने वालों को अब जेल जाना पड़ेगा।
साल 2016 में 169 लोगों की ऐसी हर्ष फायरिंग की घटनाओं में जान गई थी। विधेयक पर चर्चा के दौरान कई सदस्यों ने कहा कि उन्हें अपने पूर्वजों से विरासत में कई शस्त्र मिले हैं। इस प्रस्तावित कानून में दो से अधिक हथियार रखने पर प्रतिबंध लगाने से उन्हें परेशानी होगी क्योंकि इन आयुधों के साथ उनके भावनात्मक संबंध हैं। इस पर गृह राज्य मंत्री ने कहा कि ऐसे शस्त्रों को कोई भी व्यक्ति अपने घर अब भी रख सकता है। इसके लिए उसको अपने ऐसे शस्त्रों को निष्क्रिय करना होगा ताकि उससे फायरिंग नहीं हो सके। साथ ही उन्हें लाइसेंस से भी हटवाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जिन व्यक्तियों के पास लाइसेंस पर दो से अधिक हथियार हैं, उन्हें अपने तीसरे या अधिक हथियारों को प्रस्तावित कानून के गजट में अधिसूचित होने के एक वर्ष के भीतर संबंधित पुलिस थाने या हथियार विक्रेता के पास जमा कराना होगा। इन हथियारों को निष्क्रिय किया जाएगा।
रेड्डी ने कहा कि अर्द्ध सैनिक बलों ने 2019 में 1438 अवैध बंदूकों-पिस्तौलों को जब्त किया है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कारतूसों पर भी एक नंबर होगा। इससे पता चलेगा कि इसे किस दुकान से किस व्यक्ति ने उस कारतूस को खरीद है। उन्होंने कहा कि इससे हथियारों एवं कारतूस के उपयोग पर नजर रखने में मदद मिलेगी। विधेयक में प्रतिबंधित हथियारों के निर्माण, बिक्री, मरम्मत और रखने पर न्यूनतम 14 वर्ष तथा अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है। रेड्डी ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि विश्व में बंदूक से आत्महत्या के जो मामले होते हैं, उनमें भारत तीसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि सरकार लाइसेंस की पूरी प्रकिया को आनलाइन बनाने के लिए एक पोर्टल तैयार करेगी। रेड्डी ने स्पष्ट किया कि केन्द्र का काम कानून बनाना है। इसके क्रियान्वयन और किसे आयुध लाइसेंस देना है या नहीं, इस पर निर्णय करने का अधिकार राज्यों का है।