श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि घाटी में कानून-व्यस्था उल्लंघन की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है और स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। जम्मू-कश्मीर के सूचना एंव जनसंपर्क विभाग की निदेशक सैयद सहरीश असगर ने पत्रकारों बताया कि जम्मू क्षेत्र में कानून-व्यवस्था उल्लंघन की कोई घटना दर्ज नहीं की गई है।
कश्मीर में लागू प्रतिबंधों में ढील के बाद स्कूल दोबारा खोल दिए गए हैं और शिक्षक काम पर लौट आए हैं, लेकिन छात्रों की उपस्थिति अधिक नहीं रही। उन्होंने कहा, ‘‘ रविवार को कुछ तत्वों ने अफवाह फैलाई। सरकार लोगों से आग्रह कर रही है कि वे निहित स्वार्थों के लिए फैलाई जा रही किसी अफवाह पर भरोसा नहीं करें।’’
असगर ने कहा, ‘‘पूरी घाटी में कानून-व्यवस्था उल्लंघन की कोई बड़ी घटना सामने नहीं आई है। लोग आमतौर पर सहयोगात्मक रुख अपना रहे हैं।’’
मध्य कश्मीर के पुलिस उप महानिरीक्षक वी.के.बिर्दी ने बताया कि सोमवार को जिन इलाकों में ढील दी गई या जारी रखी गई, वहां कानून-व्यवस्था उल्लंघन की कोई घटना सामने नहीं आई और माहौल शांतिपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ स्थानों पर पत्थरबाजी की छिटपुट घटनाएं सामने आई, लेकिन कानून के तहत उपद्रवियों को तितर-बितर कर दिया गया।’’
बिर्दी ने बताया कि हालात पर करीब से नजर रखी जा रही है और स्थिति धीरे-धीरे समान्य हो रही है। कुल मिलाकर कानून व्यवस्था उल्लंघन की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है। इससे पहले प्रतिबंधों में ढील के बाद कश्मीर के कई स्कूलों के शिक्षक काम पर लौट आए, हालांकि, छात्रों की उपस्थिति कम रही।
अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर शहर में 190 प्राथमिक स्कूलों को खोलने के लिए जरूरी इंतजाम किए गए और घाटी के अधिकतर हिस्सों में सुरक्षाबलों की तैनाती पहले जैसी है। हालांकि, श्रीनगर में सोमवार को लगातार 15वें दिन सभी निजी स्कूल बंद रहे।
बारामूला जिले में अधिकारियों ने बताया कि पांच शहरों को छोड़ जिले के बाकी स्कूल खोल दिए गए हैं। उन्होंने कहा,‘‘पट्टन, पहालन, सिंहपोरा, बारामूला और सोपोर में प्रतिबंधों में ढील नहीं दी गई है। जिले के बाकी हिस्सों में प्राथमिक स्कूल खोल दिए गए हैं। हम संबधित स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति से जुड़ी विस्तृत जानकारी एकत्रित कर रहे हैं।’’