नई दिल्ली: दिल्ली में रेलवे ट्रैक किनारे बनी 48000 झुग्गियों को हटाने के मामले में सुनवाई 4 हफ्ते के लिए टाल दी गई है। सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने आज सुप्रीम कोर्ट में कहा कि लोगों के पुनर्वास पर केंद्र, रेलवे और दिल्ली सरकार में चर्चा जारी है। अभी किसी को भी नहीं हटाया जाएगा। इससे पहले दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने मांग की थी कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल उन झुग्गीवासियों को दिल्ली सरकार के खाली पड़े 50 हजार से अधिक मकानों में स्थानांतरित करें जिनकी झुग्गियां उच्चतम न्यायालय के हालिया आदेश के बाद तोड़ी जानी हैं।
गुप्ता ने एक कहा था, ‘‘शीला दीक्षित के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार ने राजीव रतन आवास योजना के तहत लगभग 52 हजार मकान बनवाए थे। हम केजरीवाल से मांग करते हैं कि वह उन झुग्गीवासियों को इन मकानों में स्थानांतरित करें जो उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद विस्थापित होने जा रहे हैं।’’ उच्चतम न्यायालय ने हाल में एक निर्णय में दिल्ली में रेल पटरियों के पास स्थित 48 हजार झुग्गियों को तीन महीने के भीतर हटाने का आदेश दिया है।
इसने यह भी कहा है कि उसके आदेश के क्रियान्वयन में कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने आरोप लगाया कि केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी ने झुग्गीवासियों से वायदा किया था, लेकिन पिछले छह साल से सत्ता में रहने के बावजूद कुछ नहीं किया। गुप्ता ने कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार प्रत्येक झुग्गीवासी को ‘जहां झुग्गी वहीं मकान’ योजना के तहत मकान उपलब्ध कराने को प्रतिबद्ध है।