हैदराबाद: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि जम्मू कश्मीर में जारी तनाव के मद्देनजर, वहां से सुरक्षा बलों को हटाने की केंद्र सरकार की तत्काल कोई योजना नहीं है। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान वापस ले कर केंद्र ने राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया है। रेड्डी से जब पूछा गया कि क्या केंद्र की अतिरिक्त बलों को वापस बुलाने की कोई योजना है या नहीं, तो इसपर उन्होंने कहा, ‘‘जब पाकिस्तान उकसाने की कोशिश कर रहा है तो हम वहां से सेना को तुरंत कैसे हटा सकते हैं?’’
गृह राज्य मंत्री ने कहा, ‘‘पाकिस्तान कश्मीरियों को उकसाने और शांति भंग करने की कोशिश कर रहा है ताकि वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के पास (शिकायत करने) जा सके। सुरक्षा बलों को वापस बुलाना है या नहीं, इस पर निर्णय स्थानीय प्रशासन द्वारा लिया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में स्थिति अब शांतिपूर्ण है और गृह मंत्री अमित शाह स्थिति की नियमित निगरानी कर रहे हैं। रेड्डी ने कहा कि स्कूल खुल गए हैं, धारा 144 को हटा दिया गया है, सरकारी कार्यालयों में काम हो रहा है और कुछ प्रतिबंधों में ढील दी गई है।
उन्होंने कहा कि कुछ जिलों को छोड़कर पूरे राज्य में इंटरनेट और टेलीफोन सेवाओं को भी बहाल कर दिया गया है। यह पूछे जाने पर कि विपक्षी नेताओं को राज्य में बैठकें करने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है, गृह राज्य मंत्री ने कहा कि सरकार पाकिस्तान के मंसूबों को देखते हुए सावधानी बरत रही है और विपक्षी नेताओं को धैर्य रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान चाहता है कि जम्मू कश्मीर में शांति बाधित हो और वह दुनिया को कह सके कि कश्मीर को लेकर भारत सरकार के निर्णय गलत हैं।
रेड्डी ने कहा, ‘‘बहुत समय है। आप जम्मू कश्मीर जा सकते हैं। कुछ दिनों के लिए शांति बनाए रखें। उसके बाद, राहुल गांधी जितनी चाहें, बैठक कर सकते हैं। कौन मना कर रहा है? धैर्य रखें।’’ जम्मू कश्मीर के हालात और वहां हिंसा की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि छोटी-मोटी घटनाएं पहली बार नहीं हो रहीं।
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में कोई तनावपूर्ण हालात नहीं हैं जहां पहले महीनों तक कर्फ्यू रहता था और पहले भी नेता लंबे समय तक जेल में रहते थे। रेड्डी ने बुधवार को यहां एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह नयी बात नहीं है। हमने जम्मू कश्मीर में किसी भी तरह से कानून व्यवस्था अवरुद्ध करने की साजिश रचने और स्थिति को भड़काने की पाकिस्तान की मंशाओं को ध्यान में रखते हुए ऐहतियातन कदम के तौर पर पाबंदी लागू करने जैसे निर्णय लिये हैं। लोगों को परेशान करने के लिए यह कदम नहीं उठाए गए हैं ।’’
उन्होंने कहा कि पहले भी कर्फ्यू लगाने, निषेधाज्ञा लागू करने, महीनों तक स्कूल बंद रहने और मुख्यमंत्रियों की गिरफ्तारी के कई वाकये हुए हैं। रेड्डी ने कहा कि अतीत की तुलना में तो अभी इस तरह का कोई फैसला नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान दुनिया के सामने यह साबित करने की भरसक साजिश रच रहा है कि भारत सरकार ने जो किया है वह गलत है। क्योंकि आज पूरी दुनिया भारत के पक्ष में है। क्योंकि दुनिया अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के विषय में भारत सरकार द्वारा लिये गये फैसलों के साथ खड़ी है।’’
गृह राज्य मंत्री ने कहा कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान वापस लिए जाने के बाद राज्य में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजातियों और पिछड़ा वर्ग के लोगों को आरक्षण तथा अन्य लाभ मिल सकेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘आप हड़बड़ी में क्यों हैं? एक तरफ पाकिस्तान दुनिया को यह बताने की पूरी कोशिश कर रहा है कि राज्य में शांति नहीं है। अब विपक्षी पार्टी भी पाकिस्तान के साथ जाना चाहती हैं। यह गलत है।’’ जम्मू कश्मीर में नेताओं को रिहा किये जाने के सवाल पर मंत्री ने कहा कि इस विषय पर संबंधित अधिकारी निर्णय करेंगे।