नयी दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह ने अजय कुमार मिश्रा को गृह राज्य मंत्री के पद से बर्खास्त करने की मांग करते हुए रविवार को कहा कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में तब तक न्याय संभव नहीं है, जब तक आरोपी आशीष के पिता केंद्रीय मंत्री बने रहेंगे। सिंह ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने मिश्रा के बेटे आशीष को बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन उन्हें गिरफ्तार करना पड़ा क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार के पास इस मामले में उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद कोई अन्य विकल्प नहीं बचा था।
प्रधानमंत्री की चुप्पी पर भी संजय सिंह ने उठाया सवाल
उत्तर प्रदेश का दौरा कर रहे संजय सिंह ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘जब तक अजय मिश्रा गृह राज्य मंत्री बने रहेंगे, तब तक इस मामले में न्याय नहीं हो सकता।’’ आप के राज्यसभा सदस्य सिंह ने कहा, ‘‘भाजपा और आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने अजय मिश्रा के बेटे को बचाने की पूरी कोशिश की। हालांकि, उच्चतम न्यायालय की फटकार के बाद उससे पूछताछ की गई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया, क्योंकि कोई अन्य विकल्प नहीं बचा था।’’ केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए सिंह ने लखीमपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर भी सवाल उठाया और पूछा कि अजय मिश्रा को अभी तक गृह राज्य मंत्री पद से बर्खास्त क्यों नहीं किया गया है।
मंत्री को उनके पद से कब बर्खास्त किया जाएगा?- सिंह
सिंह ने सवाल किया, ‘‘भारत की आजादी के बाद किसानों को कीड़े-मकोड़े की तरह कुचलने की यह घटना हमें जनरल डायर के शासन की याद दिलाती है, क्या उन्होंने (प्रधानमंत्री) उन तस्वीरों को नहीं देखा? क्या उन्होंने वो दिल दहला देने वाली घटना नहीं देखी?’’ आप नेता ने दावा किया कि किसानों के परिवार के सदस्य और घटना में मारे गए पत्रकार को भी मामले में न्याय मिलने की ‘उम्मीद’ नहीं है, जब तक कि अजय मिश्रा को उनके मंत्री पद से हटा नहीं दिया जाता। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्रीय मंत्री के बेटे (आशीष मिश्रा) को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूरा देश अब सरकार से पूछ रहा है कि मंत्री को उनके पद से कब बर्खास्त किया जाएगा?’’
आशीष मिश्रा को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है
बता दें कि, लखीमपुर खीरी में बीते तीन अक्टूबर को हिंसा के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने 12 घंटे की पूछताछ के बाद शनिवार देर रात आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया और उसे एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। हिंसा में चार किसानों और एक पत्रकार समेत आठ लोगों की मौत हुई थी। आशीष का नाम प्राथमिकी में एक आरोपी के रूप में शामिल किया गया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि वह उन वाहनों में से एक में सवार था जिसने उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के क्षेत्र के दौरे का विरोध कर रहे चार किसानों को कुचल दिया था।