नई दिल्ली: जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि राज्य के विशेष दर्जे के साथ कोई समझौता नहीं होगा। मुफ्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद भवन में मुलाकात की। उन्होंने जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले धारा 370 व धारा 35 ए को रद्द करने को लेकर चल रही बहस के बीच संवाददाताओं से बातचीत की। इन धाराओं को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्तारूढ़ पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) व भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपने गठबंधन के एजेंडे के प्रति प्रतिबद्ध हैं कि राज्य के विशेष दर्जा को नहीं छुआ जाएगा। उन्होंने कहा, "हमारे गठबंधन का एजेंडा है कि धारा 370 से कोई समझौता नहीं होगा।" धारा 35ए को संविधान में राष्ट्रपति के आदेश पर 1954 में जोड़ा गया। इसके तहत जम्मू एवं कश्मीर के लोगों को विशेष अधिकार और सुविधाएं दी गई हैं और इसकी विधायका को कोई भी कानून बनाने का अधिकार है, जिसे चुनौती नहीं दी जा सकती।
इस प्रावधान के तहत जम्मू एवं कश्मीर के लोगों को छोड़कर सभी भारतीयों को राज्य में अचल संपत्ति खरीदने, सरकारी नौकरी पाने व राज्य प्रायोजित छात्रवृत्ति योजनाओं का लाभ पाने से रोका गया है। इस धारा को दिल्ली के एनजीओ वी द सिटिजन्स ने सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है, जिस पर केंद्र सरकार ने बीते महीने कहा कि इस धारा को असंवैधानिक घोषित करने के लिए इस मुद्दे पर पर्याप्त बहस करने की जरूरत है।
एनजीओ ने दलील दी है कि राष्ट्रपति 1954 के आदेश से संविधान में संशोधन नहीं कर सकते और इसे एक अस्थायी प्रावधान माना जाना चाहिए। जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा गुरुवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी इस मामले को लेकर मिलीं।