रायपुर/कोलकाता: संशोधित नागरिकता कानून और जनसंख्या रजिस्टर के मुद्दे को लेकर जारी राजनीतिक लड़ाई शुक्रवार को और तेज हो गई। जहां पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने जीते जी राज्य में सीएए लागू नहीं होने देने की घोषणा की, वहीं राहुल गांधी ने एनपीआर और एनआरसी को ‘‘गरीब जनता पर टैक्स’’ बताया। वहीं, भाजपा ने पलटवार करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को साल का सबसे झूठा व्यक्ति कहा। दिल्ली सहित देश के विभिन्न हिस्सों में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर यह अफवाह फैलाने का आरोप लगाया है कि मुसलमान इस अधिनियम के चलते अपनी नागरिकता गंवा देंगे।
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ‘एनपीआर’ की आड़ में ‘एनआरसी’ पर काम कर रही है। माकपा नेता वृदा करात ने कहा कि केंद्र सरकार सीएए और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का इस्तेमाल लोगों पर हमले के लिए ‘त्रिशूल’ के रूप में कर रही है। पश्चिम बंगाल के नैहाटी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि नागरिकता जैसे देश के लोगों के अधिकारों को कोई व्यक्ति नहीं छीन सकता है। ममता ने कहा, "जब तक मैं जीवित हूं तब तक बंगाल में सीएए लागू नहीं होगा। कोई भी देश या राज्य छोड़कर नहीं जाएगा। बंगाल में कोई निरोध केंद्र नहीं बनेगा।" उन्होंने कहा, "छात्र काले कानून का विरोध क्यों नहीं कर सकते? केंद्र सरकार प्रदर्शकारी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है और उन्हें विश्वविद्यालयों से निष्कासित कर रही है।"
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर करारा प्रहार करते हुए एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक पंजी) और एनपीआर (राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर) को हिंदुस्तान की ‘‘गरीब जनता पर लगाया गया टैक्स’’ बताया। उन्होंने कहा कि इससे गरीब लोग उसी तरह से परेशान होंगे जैसे नवंबर 2016 में नोटबंदी से हुए थे। उन्होंने रायपुर हवाईअड्डे पर बातचीत के दौरान यह बात कही। वह छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का शुभारंभ करने पहुंचे थे। कांग्रेस नेता ने कहा, “चाहे एनआरसी हो या एनपीआर हो, यह हिंदुस्तान के गरीब लोगों पर एक टैक्स है।” उन्होंने कहा, “(जिस तरह) नोटबंदी हिंदुस्तान के गरीब लोगों पर एक टैक्स था। बैंक में जाइए, पैसा दीजिए, अपने एकाउंट से पैसा नहीं निकालिए। पूरा का पूरा पैसा 15 से 20 लोगों को दे दिया गया। यह (एनआरसी, एनपीआर) भी बिल्कुल वही चीज है।” राहुल ने एनपीआर का एनआरसी से कोई संबंध नहीं होने के केंद्र के बयान के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह कहा। उन्होंने कहा कि अब गरीबों को कागज बनवाने के नाम पर रिश्वत देनी पडेगी।
उन्होंने इसे गरीबों पर हमला करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘यदि उनके नामों में थोड़ी भी त्रुटि होगी तो उन्हें रिश्वत देनी पड़ेगी। गरीबों की जेब से करोड़ों रुपये निकाले जाएंगे और इसे उन्हीं 15-20 धनी लोगों को दे दिया जाएगा। यही सच्चाई है।’’ भाजपा ने सीएए, एनपीआर और एनआरसी जैसे मुद्दों पर कांग्रेस एवं राहुल गांधी पर झूठ बोलकर देश को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को कहा कि जनता, कांग्रेस को खारिज कर चुकी है और अब वो उसके झूठ के झांसे में नहीं आयेगी। एनपीआर और एनआरसी को गरीब जनता पर टैक्स बताए जाने की राहुल की टिप्पणी पर भाजपा ने पलटवार किया। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले राहुल के बयानों से परिवार परेशान था, अब जनता और पूरी कांग्रेस परेशान है।
प्रकाश जावड़ेकर ने दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में कहा कि लाभार्थियों की पहचान में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का बहुत बड़ा योगदान होता है और एनपीआर एवं आधार दोनों उसकी महत्वपूर्ण कड़ी हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह की एक कवायद 2010 में भी की गई थी। कांग्रेस नीत संप्रग 2010 में सत्ता में था। उन्होंने कहा, ‘‘जब राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष थे तब भी और अब नहीं हैं तब भी कुछ भी बोलते हैं और लगातार झूठ बोलते हैं। यदि साल के झूठ बोलने वालों की एक श्रेणी है तो वह इसमें शामिल किए जाने योग्य हैं। उनकी टिप्पणियों ने उनके परिवार को परेशान किया है। उनकी झूठी बातों ने उनकी पार्टी को और समूचे देश को शर्मसार किया है।’’
भाजपा अध्यक्ष शाह ने शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान में एक रैली में कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह सीएए को लेकर लोगों को गुमराह कर रही है। अमित शाह ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि इस कानून में लोगों की नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस और (उसकी) कंपनी यह अफवाह फैला रही है कि मुसलमान अपनी नागरिकता खो देंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं राहुल बाबा को चुनौती देता हूं कि मुझे बताएं कि क्या इस कानून में किसी की नागरिकता वापस लेने के बारे में एक भी पंक्ति है? सीएए पर लोगों को गुमराह और विभाजित मत कीजिए। ’’ शाह ने कहा कि वह अल्पसंख्यकों, खासतौर पर मुसलमानों से कहना चाहते हैं कि सीएए को गौर से पढ़िए, जो अब सरकार की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने पटना में संवाददाताओं से कहा कि एनपीआर के फार्म में परिवार के सभी सदस्यों के मोबाइल नंबर और ड्राइविंग लाइसेंस का विवरण मांगा जा रहा है, जो 2010-11 में तत्कालीन संप्रग सरकार के समय कराए गए एनपीआर के लिए नहीं मांगा गया था।वह उस वक्त गृह राज्य मंत्री थे।
उन्होंने सरकार की यह दलील भी खारिज कर दी कि ये विवरण स्वैच्छिक रूप से साझा किए जाएंगे और ये अनिवार्य नहीं होंगे। निकट भविष्य में एनआरसी नहीं कराए जाने के बावजूद विपक्ष द्वारा इस मुद्दे पर हंगामा करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दलील को अस्वीकार करते हुए माकन ने कहा कि ऐसे अनगिनत मौके रहे हैं जब संसद के पटल पर और सार्वजनिक सभाओं में उन्होंने (प्रधानमंत्री मोदी ने) अपने इरादे साफ-साफ जाहिर किए हैं। माकन ने पश्चिम बंगाल में इस साल की शुरूआत की एक चुनाव रैली का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि इसमें मोदी ने कहा था देश भर में एनआरसी लाए जाने पर प्रवासियों से निपटा जाएगा। उन्होंने सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शनों में शामिल रहे लोगों के खिलाफ शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा की भी निंदा की। माकन ने कहा कि इससे हर किसी को साथ लेकर चलने की उनकी (भाजपा नेताओं की) अनिच्छा जाहिर होती है और यह सभी तरह की असहमति को दबाने को भी प्रदर्शित करता है। इस बीच, महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष (भाजपा) के नेता देवेंद्र फड़णवीस ने कहा कि सीएए किसी भारतीय नागरिक की नागरिकता नहीं छीनेगा। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा इस अधिनियम के बारे में लोगों में जागरूकता फैला रही है।