नई दिल्ली। दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में निजामुद्दीन मरकज में 2000 से अधिक लोगों के एक साथ रहने और कोरोना वायरस संक्रमण से पीडि़त होने की खबर से पूरे देश में सनसनी है। दिल्ली सरकार ने 13 मार्च को ही आदेश जारी कर 200 लोगों से अधिक के एक साथ एकत्रित होने पर रोक लगा दी थी, बावजूद इसके निजामुद्दीन मरकज ने 13 से 15 मार्च तक अपने कार्यक्रम का आयोजन किया और हजारों लोगों को यह रुकने की इजाजत दी और प्रशासन को इसकी सूचना तक नहीं दी। ऐसे में निजामुद्दीन मरकज पर सवाल उठ रहे हैं और आरोप भी लग रहे हैं।
इन आरोपों का खंडन करने और सवालों का जवाब देने के लिए तबलीकी जमात के प्रवक्ता मुशर्रफ अली सामने आए। इंडिया टीवी से बात करते हुए उन्होंने कहा कि दुख और अफसोस की बात है कि पूरा देश इस बहुत बड़ी महामारी से जूझ रहा है, हमे बड़ा दुख है जिनकी जान गई है और जो लोग बीमार भी हैं, साथ-साथ मैं ये कहना चाहूंगा कि इसके लिए तबलीक जमात जिम्मेदार है तो यह अपने आप में ठीक नहीं है, क्योंकि पूरी दुनिया में ये महामारी फैल रही है, चीन से शुरू हुई, फिर इटली, स्पेन और अब पूरी दुनिया में फैल गई।
ये जो मरकज है, ये इंटरनेशनल सेंटर है पूरी दुनिया का तबलीक जमात का, एक ही सेंटर है हजरत निजामुद्दीन में, पूरे देश और दुनिया से लोग आते हैं और चले जाते हैं, और जब आते हैं तो दिल्ली जैसे शहर में रहने का ठिकाना नहीं होता, वे इसी मस्जिद में ठहर जाते हैं, रोजाना आना जाना रहता है लोगों का। ऐसा कहना की जानबूझकर बुलाया तो गलत होगा। वे लोग पहले से ही वहां पर मौजूद थे, कहीं से उनको आने नहीं दिया, वे पहले से मौजूद थे, बिल्डिंग की क्षमता 12 हजार लोगों की है, हमने बाहर से आने वाले लोगों पर पाबंदी लगाई।
लोगों की स्क्रीनिंग करना और टेस्ट करना सरकार की जिम्मेदारी है, एयरपोर्ट पर सभी इस प्रक्रिया से गुजरे हैं। ऐसा नहीं कि सरकार के आदेश की अवहेलना करके लोगों को जमा किया है। हमने इकट्ठा नहीं किया लोगों को, हमने एंट्री बंद कर दी, जब आदेश मिला तब एंट्री बंद कर दी। 22 मार्च से एंट्री बंद कर दी।