दिल्ली की निजामुद्दीन मरकज घटना के सामने आने के बाद से दिल्ली ही नहीं पूरे दक्षिण भारत में भी हड़कंप मचा हुआ है। बताया जा रहा है कि इस कार्यक्रम में 2500 से अधिक लोग शामिल हुए थे, जिसमें कई लोग दक्षिण भारत से भी थे। इस बीच इससे जुड़ा बड़ा अपडेट सामने आ रहा है। इस मरकज़ में तमिलनाडु के एक विधायक भी शामिल थे। इसके अलावा कुछ और लोग भी इस मरकज़ में मौजूद थे। प्रशसन ने 1400 लोगों की पहचान की है। वहीं कल तेलंगाना में इस मरकज़ में शामिल 6 लोगों की मौत भी हो चुकी है। इन घटनाओं को देखते हुए आंध्र प्रदेश में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है।
विधायक के निजामुद्दीन मरकज़ में शामिल होने की बाद से तमिलनाडु प्रशासन हाई अलर्ट पर है। प्रशासन के मुताबिक विधायक के अलावा कुछ और लोग थे जो दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में मौजूद, इस मरकज में रहने वाले तमिलनाडु के एक शख्स की मौत भी हुई है। हालांकि मौत के कारणों को जानने के लिए फाइनल रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है लेकिन सूचना के बाद तमिलनाडु सरकार भी अलर्ट पर है जो वहां खबरें से मिल रही हैं। उसके मुताबिक स्विफ्ट एक्शन लेते हुए तमिलनाडु सरकार ने तकरीबन 1400 ऐसे लोगों की पहचान की है जो या तो इन लोगों के संपर्क में सीधे संपर्क में थे या फिर सेकेंडरी कांटेक्ट लिस्ट में थे। इनमें से 900 लोगों को पहले ही आइसोलेट किया जा चुका है जिनमें 16 लोग को कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।
तेलंगाना में 6 की मौत
तेलंगाना में कल देर रात मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के दफ्तर से जारी प्रेस रिलीज में ने कहा गया कि तेलंगाना में जिन 6 लोगों की मौत हुई थी वह भी दिल्ली निजामुद्दीन मरकज में हुए कार्यक्रम में हिस्सा लेने गए थे, इनमें से 4 की हैदराबाद में मौत हुई जबकि 2 में से की निजामाबाद और दूसरे ने गढ़वाल के अस्पताल में दम तोड़ा। इस घटना के सामने आने के बाद तेलंगाना स्वास्थ्य विभाग ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है ताकि ये पता लगाया जा सके कि दिल्ली से लौटने के बाद कोरोना संक्रमित ये लोग किन-किन लोगों से मिले, स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक मृतकों के अलावा करीब 8 से 10 कोरोना संक्रमित लोग ऐसे हैं जो इन लोगों के रिश्तेदार हैं जो दिल्ली मरकज गए थे।
संक्रमित लोगों में मलेशिया के लोग भी शामिल
मलेशिया मूल के 10 लोग भी दिल्ली से तेलंगाना के करीमनगर आये थे और इनमें से 9 लोग कोरोना संक्रमित थे। डराने वाली बात यह भी है कि दिल्ली से लौटने के बाद तेलंगाना के कई इलाकों में उन्होंने अलग-अलग मस्जिदों का दौरा किया और वहां पर भी प्रार्थना सभाएं की यही वजह है कि तेलंगाना सरकार इस पूरे प्रकरण को लेकर बेहद चिंता में आ गई है चिंता में डालने वाली बात ये भी है कि दिल्ली से लौटे किसी भी व्यक्ति ने तबीयत खराब होने के बाद सरकार को सूचना नहीं दी। यहां तक कि जब उनमें से कुछ को कोरोना पॉजिटिव पाया गया उसके बावजूद बाकी लोगों ने स्वास्थ्य अधिकारियों से संपर्क नहीं किया।
सरकार ने बनाई 5274 सर्विलांस टीम
तेलंगाना सरकार ने इस मामले में आम लोगों से भी अपील की है कि अगर वे उन लोगों को जानते हैं जो दिल्ली से लौटे हैं या फिर वे लोग जो दिल्ली से लौटने वाले लोगों के संपर्क में आए हैं उनकी जानकारी निकट के स्वास्थ्य केंद्र या जिलाधिकारी के ऑफिस ने तुरंत दी जाए अब तेलंगाना सरकार का फोकस इन सभी लोगों को ढूंढने के अलावा प्रशासनिक अमला इनके प्राइमरी और सेकेंडरी कांटेक्ट को भी ढूंढने में लग गया है। कोविड- 19 महामारी के संक्रमण से निपटने के लिए तेलंगाना सरकार ने 5274 सर्विलांस टीम और 78 इंस्पेक्शन टीम का गठन किया है, इनमें से फिलहाल 300 से ज्यादा टीमों को इस काम के लिए लगाया गया है।
आन्ध्र प्रदेश में दिल्ली से लौटे 10 लोग पॉजिटिव
दिक्कत आंध्र प्रदेश सरकार के लिए भी है आंध्र प्रदेश में भी 10 पेशेंट जिन्हें कोरोना संक्रमण पाया गया वे भी दिल्ली से लौटे हुए शख्स हैं, आंध्र प्रदेश सरकार ने अपनी स्वास्थ्य बुलेटिन में इस बात का खुलासा किया है कि पेशेंट 14 और 15 जो पॉजिटिव पाए गए हैं वे भी पेशेंट 10 के संपर्क में थे, सरकार ने अब तक ऐसे 711 लोगों को इडेंटिफाई किया है और इनमें से 626 को आइसोलेट कर दिया है बाकी 85 की तलाश जारी है।आंध्र प्रदेश सरकार के लिए भी एक और बड़ी चुनौती ये है कि मरकज से लौटे लोगों ने यहां आकर किन-किन लोगों से सम्पर्क किया उनकी पहचान और जांच की जाए।