नई दिल्ली: महाराष्ट्र में कोरोना वायरस से निपटने में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली राज्य सरकार फेल होती दिख रही है। ऐसे में सरकार की नेतृत्व क्षमता पर भी सवाल उठने लगे हैं। मोदी सरकार 2.0 के एक साल के कार्यकाल का हिसाब देने के लिए इंडिया टीवी की खास पेशकश 'मंत्री सम्मेलन' में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से महाराष्ट्र में सरकार के बदलाव या राष्ट्रपति शासन को लेकर सवाल पूछा गया था। इस पर गडकरी ने कहा कि वे इस पर किसी भी तरह की प्रतिक्रिया नहीं देना चाहते।
‘मैं कोई प्रतिक्रिया नहीं देना चाहता’
इंडिया टीवी ने जब मोदी सरकार 2.0 में ताकतवर मंत्री नितिन गडकरी से पूछा कि क्या महाराष्ट्र में अभी के हालात को देखते हुए सरकार बदलने या राष्ट्रपति शासन लगाने की जरूरत नहीं लगती? इस सवाल के जवाब में गडकरी ने कहा, ‘यह प्रश्न पूछना ही अप्रस्तुत है। मैं इस तरह के सवाल का इफ ऐंड बट में भी जवाब नहीं देना चाहता। मैं इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं देना चाहता।’ कार्यक्रम में गडकरी ने महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के कहर से उपजे हालात पर भी चिंता जताई।
महाराष्ट्र में बुरे हैं हालात
महाराष्ट्र के बारे में बात करते हुए केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सूबे में संकट सबसे ज्यादा है, और उसमें भी मुंबई की संख्या सबसे ज्यादा है, पूना में भी संकट है। लेकिन मुंबई में संकट ज्यादा है। मुंबई एक अंतरराष्ट्रीय आर्थिक राजधानी है, इसमें कमियां ढूंढने का समय नहीं है, पहले सब लोग मिलकर इसका सामना करें और लोगों को इससे बचाएं और संवेदनशील मन से लोगों की सेवा करें और राजनीति बाद में करें।