नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को लोकसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से माफी मांगी। ज्योतिरादित्य ने अपने लोकसभा क्षेत्र में एक राजमार्ग के उद्घाटन समारोह में उन्हें आमंत्रित नहीं किए जाने और आमंत्रणपत्र में भी नाम नहीं दिए जाने पर लोकसभा अध्यक्ष को विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया था। उस समारोह में गडकरी मौजूद थे। लोकसभा में शून्यकाल शुरू होते ही सिंधिया ने कहा, "स्थानीय सांसदों को प्रोटोकाल के तहत ऐसे कार्यक्रमों में आमंत्रित किया जाना चाहिए।"
''सभी लोगों की तरफ से मैं माफी मांगता हूं और यह दोबारा नहीं होगा''
इसके जबाव में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने माफी मांगी और स्वीकार किया कि यह नहीं होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि उन्होंने मामले की जानकारी ली और इसे सत्य पाया। गडकरी ने कहा, "मुझे यह पता है और जब मैं वहां उपस्थित था, मुझे इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। सांसद का नाम वहां होना चाहिए। सभी लोगों की तरफ से मैं माफी मांगता हूं और यह दोबारा नहीं होगा।" इस दौरान कांग्रेस सांसद के.सी. वेणुगोपाल के सहयोग से सिंधिया और मध्य प्रदेश के सतना से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद गणेश सिंह और ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बीच वाकयुद्ध हुआ।
सांसदों के हितों की रक्षा होनी चाहिए, जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाही हो
इस जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस सांसद सिंधिया ने कहा कि सांसदों के हितों की रक्षा होनी चाहिए और इस गलती के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाही की जानी चाहिए, क्योंकि यह मामला एक सांसद के विशेषाधिकार हनन का मामला है। सिंधिया के शांत नहीं होने पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन मध्यस्थता करते हुए कहा, "संरक्षण देने के लिए क्या मुझे एक लट्ठ लेके देना चाहिए। मैं गडकरी जी की प्रशंसा करूंगी कि उन्होंने माफी मांगी लेकिन दूसरे पक्ष का व्यवहार प्रशंसनीय नहीं है।"