नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में सोमवार को आम बजट 2021 पेश किया। इसमें रोड, रेलवे, मेट्रो, शिक्षा, स्वास्थ्य, उज्ज्वला योजना, आत्मनिर्भर भारत सहित कई अन्य सेक्टरों के लिए बड़ी घोषणा की गई है। नए कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर बीते दो महीनों से ज्यादा समय से जारी किसान आंदोलन के बीच केंद्र सरकार ने सोमवार को कृषि सेक्टर के लिए भी कई बड़े ऐलान किए। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि सेक्टर के लिए एग्रीकल्चरल क्रेडिट टारगेट (कृषि ऋण लक्ष्य) और अधिक बढ़ाए जाने की जानकारी दी।
वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि उनकी सरकार किसानों की बेहतरी के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट पेश करते हुए बताया कि 2021-22 में किसानों को अधिक कृषि ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। यह लक्ष्य 16.5 लाख करोड़ रुपये का है, जबकि पिछली बार यह 15 लाख करोड़ रुपए का था।
किसानों से बातचीत के लिए सरकार तैयार- सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि सरकार तीन कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों से बातचीत के लिए तैयार है क्योंकि सिर्फ चर्चा के जरिए ही आगे बढ़ा जा सकता है। तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने और फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी देने की मांग के साथ हजारों किसान दो महीनों से अधिक समय से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
बजट पेश करने के बाद सीतारमण ने एक सवाल के जवाब में मीडिया से कहा, "हम समझ सकते हैं कि किसान सीमा पर क्यों बैठे हैं। अगर किसी भी किसान को कोई सवाल है, तो कृषि मंत्री (नरेंद्र सिंह तोमर) ने कभी भी बातचीत के अवसरों से इनकार नहीं किया है।" उन्होंने कहा कि तोमर ने किसानों के साथ कई दौर की बातचीत की है और तीनों कानूनों पर खंड दर खंड सुझाव देने को कहा है।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘"इसलिए, मुझे लगता है, बातचीत ही एकमात्र समाधान है। सरकार बातचीत के लिए तैयार है। संसद का सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री ने कहा कि बातचीत का प्रस्ताव अब भी बना हुआ है।’’ उन्होंने कहा कि जिन किसानों को संदेह या भ्रम है, उन्हें आगे आना चाहिए और सरकार के साथ बातचीत करनी चाहिए।
MSP पर कही ये बात
वित्त मंत्री ने अपने बजट 2021 भाषण में कहा कि हमारी सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। सभी फसलों पर उत्पादन लागत का कम से कम 1.5 गुना अधिक एमएसपी दी जा रही है। उन्होंने कहा, ''हमने किसानों को 75 हजार करोड़ रुपये ज्यादा दिए हैं। किसानों को दिए जाने वाले भुगतानों में भी तेजी की गई है।'' उन्होंने बताया कि गेहूं के लिए किसानों को 75,060 और दालों के लिए 10,503 करोड़ का भुगतान हुआ है। धान की भुगतान राशि 1,72,752 करोड़ होने का अनुमान है। इसके अलावा, सरकार कृषि उत्पादों के एक्सपोर्ट में 22 और उत्पादों को शामिल करेगी।
एमएसपी पर कानून बनाने और कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे किसानों को सरकार ने बजट 2021 के जरिए से एक बार फिर से बड़ा संदेश दिया है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने एमएसपी पर खरीद जारी रखने का आश्वासन दिया है। इसके अलावा, सरकार ने उज्जवला योजना में और अधिक लाभार्थियों को बढ़ाए जाने का ऐलान किया। मंत्री ने कहा कि मुफ्त रसोई गैस रसोई गैस योजना उज्ज्वला को 1 करोड़ और लाभार्थियों तक बढ़ाया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के अपने लक्ष्य पर अभी भी कायम है। प्रधानमंत्री मोदी ने 4 करोड़ से अधिक किसानों, महिलाओं आदि को सीधे नकद राशि दी है।
कुछ लोग आग में घी डाल रहे- कैलाश चौधरी
इस बीच, कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने संवाददाताओं से कहा कि कुछ लोग तुच्छ राजनीतिक लाभ के लिए आग में घी डाल रहे हैं और "मैं समझता हूं कि किसान संगठन इसे समझेंगे।’’ केंद्रीय बजट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि लोग देख सकते हैं कि किसानों के लिए मोदी सरकार क्या करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि वे (किसान संगठन) निश्चित रूप से तुलना करेंगे और देखेंगे कि अब और संप्रग शासन के दौरान कितना आवंटन हुआ है।’’ उन्होंने भी जोर दिया कि केवल बातचीत के जरिए ही समाधान निकलेगा। चौधरी ने कहा, "निश्चित रूप से सरकार ने दरवाजे खुले रखे हैं। निश्चित रूप से, हल तभी निकलेगा जब हम बैठकर बात करेंगे। मुझे पूरा भरोसा है।’’