नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की चौथी किस्त ढांचागत सुधार को बढ़ावा देने और रोजगार सृजित करने के उद्देश्य पर केंद्रित होगी। सीतारमण ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पैकेज की चौथी किस्त कोयला, खनिज, रक्षा उत्पादन, नागरिक उड्डयन क्षेत्र, केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली वितरण कंपनियों, अंतरिक्ष क्षेत्र और परमाणु ऊर्जा क्षेत्र के संरचनात्मक सुधारों पर केंद्रित है।
सीतारण का चार दिन में यह यह चौथा संवाददाता सम्मेलन था जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा अर्थव्यवस्था को गति देने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ब्योरा दे रही थीं। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में उठाये गये कदमों में सचिवों के सशक्त समूह के माध्यम से निवेशके प्रस्तवों की शीघ्रता से जूरी की व्यवस्था भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि निवेशकों और केंद्र/ राज्य सरकारों के बीच समन्वय के लिये प्रत्येक मंत्रालय में परियोजना विकास सेल की स्थापना की गयी है। वित्त मंत्री ने कहा कि नये निवेशों के लिये आकर्षक बनने की प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के उद्येश्यसे राज्यों की रैंकिंग की जा रही है। सौर पीवी विनिर्माण और उन्नत सेल बैटरी भंडारण जैसे क्षेत्रों में नये उभरते क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिये प्रोत्साहन योजनाएं शुरू की जायेंगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि औद्योगिक सूचना प्रणाली (आईआईएस) पर पांच लाख हेक्टेयर क्षेत्र में 3,376 औद्योगिक भूखंडों, उद्योगिक संपदा क्षेत्रों और विशेष आर्थिक क्षेत्रों (सेज) के स्थान दर्शाए गए हैं। उन्होंने कहा कि सभी औद्योगिक पार्कों की 2020-21 में रैंकिंग की जायेगी।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोनोवायरस महामारी के मद्देनजर लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से प्रभावित अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को राहत देने के लिये सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के लगभग 10 प्रतिशत यानी 20 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की इस सप्ताह की शुरुआत में घोषणा की। इसमें 27 मार्च को तीन महीने के लिये गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न और नकदी के जरिये 1.7 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा और रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति के माध्यम से 5.6 लाख करोड़ रुपये के किये गये उपाय भी शामिल हैं।
पिछले तीन दिनों में तीन किस्तों में सरकार ने 10.73 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की है। घोषित किये गये उपायों में छोटे व्यवसायों, रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं, किसानों और गरीब प्रवासियों के साथ-साथ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी), सूक्ष्त वित्त संस्थानों (एमएफआई) और बिजली वितरकों के लिये राहतें दी गयी हैं। देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है। इसे अभी तक दो बार बढ़ाया जा चुका है। एक अनुमान के अनुसार, लॉकडाउन के कारण अप्रैल में 12.2 करोड़ लोग बेरोजगार हो सकते हैं और उपभोक्ता मांग समाप्त बहुत नीचे जा सकती है।