नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि पैकेज की तीसरी किस्त में कृषि व इससे संबद्ध क्षेत्रों को राहत देने पर ध्यान दिया गया है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि पैकेज की तीसरी किस्त में कृषि व इससे संबद्ध क्षेत्रों में बुनियादी संरचना तथा क्षमता निर्माण पर ध्यान दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि पिछले दो महीनों में किसानों की मदद करने के लिये कई उपाय किये गये हैं। इनमें लॉकडाउन के दो महीनों के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 74,300 करोड़ रुपये की खरीद भी शामिल है। इसके साथ ही, पीएम किसान योजना के तहत 18,700 करोड़ रुपये की नकदी लाभार्थी किसानों को दी गई, वहीं फसल बीमा योजना के तहत 6,400 करोड़ रुपये के दावों का भुगतान किया गया।
सीतारमण ने कहा कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान सहकारी समितियों द्वारा प्रतिदिन 360 लाख लीटर दूध की बिक्री के साथ 560 लाख लीटर प्रति दिन दूध की खरीद की गयी। उन्होंने कहा कि कुल 111 करोड़ लीटर की अतिरिक्त खरीद की गयी, जिसके लिये 4,100 करोड़ रुपये का भुगतान सुनिश्चित किया गया। इसके लिये डेयरी सहकारी समितियों को दो प्रतिशत ब्याज सहायता की योजना क्रियान्वयन में लाई गई।
उन्होंने कहा कि ब्याज सहायता से दो करोड़ किसान लाभान्वित होंगे और इससे बाजार में 5,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी पहुंचेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सप्ताह के शुरू में कोरोनो वायरस लॉकडाउन से प्रभावित अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को राहत देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये (जीडीपी का लगभग 10 प्रतिशत) के पैकेज की घोषणा की थी।
इसमें मार्च में घोषित तीन महीनों के लिये गरीबों को खाद्यान्न और नकदी सहित 1.7 लाख करोड़ रुपये का पैकेज तथा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा विभिन्न मौद्रिक नीति उपायों के माध्यम से 5.6 लाख करोड़ रुपये का दिया गया प्रोत्साहन भी शामिल है। सरकार इस पैकेज के तहत अब तक दो किस्तों में 9.1 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा कर चुकी है
इन घोषणाओं में लघु एवं छोटी इकाइयों के लिये ऋण सुविधायें, किसानों को रियायती ऋण, एनबीएफसी और बिजली वितरकों को समर्थन आदि शामिल हैं। सरकार ने कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये 25 मार्च से देश भर में लॉकडाउन लागू किया है। लॉकडाउन की अवधि दो बार बढ़ाई जा चुकी है।