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निर्भया को मिला इंसाफ, 22 जनवरी की सुबह सात बजे होगी दोषियों को फांसी, डेथ वारंट जारी

निर्भया के माता-पिता ने पिछले महीने दिसंबर में चारों दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी करने के लिए दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर की थी।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : January 07, 2020 17:05 IST
Nirbhaya Gang Rape Convicts
Nirbhaya Gang Rape Convicts

नई दिल्ली: करीब सात साल बाद निर्भया को इंसाफ मिला। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने आज चारों दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी कर दिया है। एडिशनल सेशन जज सतीश कुमार अरोड़ा ने फैसला सुनाया है। सभी चारों दोषियों को 22 जनवरी की सुबह सात बजे फांसी दी जाएगी। जिस वक्त कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया, उस समय कोर्ट रूम में सिर्फ जज, जेल के अधिकारी और वकील ही मौजूद थे।  

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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई दोषियों की पेशी

दोषियों की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की गई। दोषी विनय को जेल नम्बर- 4 से और बाकि तीन दोषियों मुकेश, पवन तथा अक्षय को जेल नम्बर- 2 पेश किया गया। पेशी के दौरान ही मीडिया को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बाहर कर दिया गया था। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन फाइल करने के लिए तय किया गया समय पहले ही खत्म हो चुका था और अब निर्भया को इंसाफ मिलने का इंतजार भी खत्म हो गया। 14 दिन बाद 22 जनवरी को दोषियों को फांसी दे दी जाएगी।

चार को दी गई थी फांसी की सजा

अब आज निर्भय के दोषियों के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वारंट जारी किया है। बता दें कि निर्भया के छह आरोपी थे। कोर्ट ने चार मुजरिमों को फांसी की सजा सुना रखी है। एक नाबालिग मुजरिम को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने तीन साल की अधिकतम सजा के साथ सुधार केंद्र भेजा हुआ है और छठें मुजरिम ने मुकदमा लंबित होने के दौरान ही जेल में आत्महत्या कर ली थी।

16 दिसंबर, 2012

वो तारीख थी 16 दिसंबर, साल था 2012, बस का नम्बर था DL 1PC 0149 और जगह थी दिल्ली के मुनिरका का बस स्टॉप। यहां से निर्भया और उसका दोस्त बस में चढ़े। वो नहीं जानते थे कि दिल्ली की बरसती सर्द ठंड ने बस में पहले से मौजूद लोगों के अंदर वाले इंसान को जमा दिया है। एक नाबालिग समेत बस में मौजूद छह लोगों ने निर्भया को अपनी हवस को शिकार बनाया और उसके साथ बर्बरता की। निर्भया के दोस्त को पीटा, और फिर दोनों को महिपालपुर के पास सड़क किनारे छोड़कर चले गए।

निर्भया का दोस्त राहगीरों से मदद मांगता रहा

निर्भया का दोस्त राहगीरों से मदद मांगता रहा लेकिन बड़े शहर के छोटे चरित्र ने उनकी बेबसी और लाचारगी को दरकिनार कर दिया। थोड़ा वक्त बीता तो मौके पर पुलिस पहुंची, जिसने निर्भया को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया। आप यकीन मानिए जितने आसान शब्दों में ये बात लिखी गई है, उतना ही भयंकर वो दृश्य था, जिसे हमने लिखने से छोड़ दिया। निर्भया ने हादसे के 13 दिन बाद सिंगापुर के एलिजाबेथ अस्पताल में दम तोड़ दिया था। उस वक्त निर्भया को इंसाफ दिलाने के लिए पूरी दिल्ली सड़कों पर आ गई थी।

निर्भया कांड में कब क्या-क्या हुआ....?

  • 16 दिसंबर 2012: दिल्ली के वसंत विहार इलाके में रात के साढ़े 9 बजे एक चार्टर्ड  बस में युवती के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। उसके साथ मौजूद दोस्त को भी बुरी तरह से पीटा गया। उसी रात युवती को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती किया गया।
  • 17 दिसंबर 2012: पुलिस में मामला दर्ज होने के बाद गैंगरेप के मुख्य आरोपी राम सिंह को हिरासत में लिया गया।
  • 18 दिसंबर 2012: घटना की खबर फैलते ही वसंत विहार थाने के बाहर लोगों ने प्रदर्शन करना शुरु कर दिया। पीड़िता की हालत बिगड़ने पर दो सर्जरी की गई। वहीं पुलिस ने राम सिंह को कोर्ट में पेश कर उसे 5 दिन के लिए रिमांड होम में रखा।
  • 19 दिसंबर 2012: गैंगरेप के बाकी पाचों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
  • 20 दिसंबर 2012: जंतर-मंतर और इंडिया गेट पर लोगों का प्रदर्शन
  • 21 दिसंबर 2012: दिल्ली हाईकोर्ट में पुलिस ने रिपोर्ट दाखिल की
  • 22 दिसंबर 2012: अस्पताल में एसडीएम ने निर्भया का बयान दर्ज किया
  • 23 दिसंबर 2012: इंडिया गेट पर प्रदर्शनकारियों पर पुलिस का लाठीचार्ज
  • 26 दिसंबर 2012: सफदरजंग अस्पताल में भर्ती निर्भया की हालत बिगड़ी
  • 27 दिसंबर 2012: एयर एंबुलेंस से सिंगापुर के एलिजाबेथ अस्पताल लाया गया
  • 29 दिसंबर 2012: सिंगापुर के अस्पताल में निर्भया की मौत
  • 31 दिसंबर 2012: जंतर-मंतर पर युवाओं का विरोध प्रदर्शन
  • 3 जनवरी 2013: साकेत कोर्ट में 5 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट
  • 11 मार्च 2013: तिहाड़ जेल में मुख्य आरोपी राम सिंह ने खुदकुशी की
  • 10 सितंबर 2013: साकेत कोर्ट ने 4 दोषियों को फांसी की सज़ा सुनाई
  • 13 मार्च 2014: दिल्ली HC ने 4 दोषियों की फांसी की सजा बरकरार रखी
  • 15 मार्च 2014: दोषियों ने फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की
  • 20 दिसंबर 2015: नाबालिग दोषी बाल सुधार गृह से रिहा। निर्भया के माता-पिता ने इंडिया गेट पर निकाला मार्च
  • 27 मार्च 2016: सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा।
  • 5 मई 2017: सुप्रीम कोर्ट ने इस केस को सदमे की सुनामी बताते हुए इन चारों दोषियों की मौत की सजा को बरकरार रखा
  • 9 नवंबर 2017: एक दोषी मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में फांसी की सजा बरकरार रखने के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर की
  • 9 जुलाई 2018: निर्भया गैंगरेप केस में सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका पर फैसला सुनाया। दोषियों की रिव्यू पिटिशन को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट के इस आदेश के बाद अब दोषियों को दी गई फांसी की सजा कायम रहेगी।
  • 13 दिसंबर 2018: निर्भया के माता-पिता ने पटियाला हाउस कोर्ट का रुख किया।
  • 29 अक्टूबर 2019: तिहाड़ जेल ने निर्भया के बलात्कार और हत्या के दोषियों को दया याचिका दायर करने का समय दिया।
  • 8 नवंबर 2019: विनय शर्मा ने दिल्ली सरकार से दया मांगी
  • 29 नवंबर 2019: दिल्ली सरकार के गृह विभाग ने विनय शर्मा की याचिका को मुख्य सचिव के पास भेज दिया
  • 30 नवंबर 2019: मुख्य सचिव ने विनय शर्मा की याचिका को खारिज कर दिया और फाइल गृह मंत्री सत्येंद्र जैन के पास भेज दी
  • 1 दिसंबर 2019: जैन ने इसे अस्वीकार कर दिया और एलजी के कार्यालय में भेज दिया
  • 2 दिसंबर 2019: एलजी ने विनय की दया याचिका खारिज कर दी और दिल्ली सरकार के फैसलों को मंजूरी दे दी।
  • 10 दिसंबर 2019: अक्षय ने सर्वोच्च न्यायालय में एक समीक्षा याचिका दायर की।
  • 17 दिसंबर 2019: CJI ने पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई की।
  • 18 दिसंबर 2019: SC ने पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी। इसके साथ ही दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने भी डेथ वारंट पर सुनवाई को 7 जनवरी तक के लिए टाल दिया।
  • 7 जनवरी 2020: पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी किया। 22 जनवरी की सुबह उन्हें फांसी दी जाएगी।

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