नई दिल्ली: निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या की वारदात को छह लोगों ने अंजाम दिया था। लेकिन, शुक्रवार (20 मार्च) की सुबह 5:30 बजे चार दोषियों- मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय सिंह को ही फांसी दी गई। ऐसा इसीलिए हुआ, क्योंकि एक दोषी राम सिंह पहले ही जेल में आत्महत्या कर चुका है और एक अन्य दोषी वारदात के वक्त नाबालिग था, जिसपर जुवेनाइल कोर्ट में केस चला और फिर उसे तीन साल के लिए जुवेनाइल होम भेज दिया गया। फिलहाल, वह आजाद है।
हालांकि, निर्भया का यह छठा दोषी वारदात के कुछ ही महीनों बाद 18 साल (बालिग होने की न्यूनतम उम्र) का होने वाला था लेकिन कोर्ट ने कानून के मुताबिक उसे नाबालिग ही माना और जैसी किसा भी नाबालिग पर केस चलता है, उसी प्रक्रिया का पालन हुआ। लेकिन, उस वक्त उसपर बालिग की तरह केस चलाने की मांग उठी थी क्योंकि वह बालिग होने की उम्र के बहुत करीब था। वारदात के वक्त नाबालिग होने के कारण आज तक इस छठे दोषी का चेहरा सार्वजनिक नहीं किया गया।
निर्भया के इस दोषी को साल 2016 के दिसंबर महीने में जुवेनाइल होम से रिहा किया गया। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि वह आज कहां है और क्या कर रहा है? दरअसल, जानकारी मिली है कि वह अब दक्षिण भारत में किसी जगह पर कुक (बावर्ची) का काम कर रहा है। जानकारी तो यह भी मिली है कि नए सिरे से जिंदगी शुरू करने के लिए उसे अपना नाम तक बदल लिया है और एक नई पहचान से अब जिंदगी बिता रहा है।
एक एनजीओ से जुड़े अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि नए तरीके से जिंदगी शुरू करने के लिए उसे राष्ट्रीय राजधानी से बहुत दूर भेजा गया है, जिससे कि लोग उसका पता न लगा सकें और वह नए सिरे से जिंदगी शुरू करे। अधिकारी ने बताया कि अब वह दक्षिण भारत में कहीं कुक का काम करता है। उसका नियोक्ता (नौकरी पर रखने वाला) उसके असली नाम और बीती जिंदगी के बारे में नहीं जानता है।
अधिकारी ने बताया कि वह उसकी लोकेशन को समय-समय पर बदलते रहते हैं जिससे वह किसी की नजरों में न आ सके। हालांकि, आपको बता दें कि कुछ खबरों के मुताबिक, वारदात वाली रात को निर्भया के साथ सबसे ज्यादा क्रूरता करने वाली यही नाबालिग था। यह उस वक्त आत्महत्या कर चुके दोषी राम सिंह के लिए काम करता था। वारदात वाली रात को यह राम सिंह से अपने बकाया 8000 रुपये मांगने गया था और फिर वहां से अपराध में साझीदार बन गया।