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निर्भया केस: सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की फांसी की सजा को रखा बरकरार, पीड़िता की मां ने कहा- इंसाफ मिला, पर जंग जारी रहेगी

पूरे देश को दहलाकर रख देने वाले निर्भया गैंगरेप और मर्डर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की रिव्यू पिटिशन को खारिज कर दिया है...

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : July 09, 2018 15:53 IST
Supreme Court | PTI File
Supreme Court | PTI File

नई दिल्ली: पूरे देश को दहलाकर रख देने वाले निर्भया गैंगरेप और मर्डर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की रिव्यू पिटिशन को खारिज कर दिया है। कोर्ट के इस आदेश के बाद अप दोषियों को दी गई फांसी की सजा कायम रहेगी। इससे पहले कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप और मर्डर के चारों दोषियों को 5 मई 2017 को फांसी की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने कहा था कि ये मामला रेयरेस्ट ऑफ रेयर की श्रेणी में आता है। अदालत ने कहा था कि पीड़िता ने मरने से पहले जो बयान दिया, वह बेहद अहम और पुख्ता साक्ष्य है। कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद इन दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन दाखिल की थी। 

सुप्रीम कोर्ट द्वारा फांसी की सजा को बरकरार रखने के बाद अब दोषियों के पास क्यूरेटिव पिटिशन और फिर दया याचिका का विकल्प है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस आर. भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच विनय, पवन और मुकेश की पुनर्विचार याचिका पर अपना फैसला सुनाएगी। वहीं, दोषी अक्षय ने 5 मई के फैसले के खिलाफ अभी पुनर्विचार याचिका दायर नहीं की थी।

दोषियों के वकील ने फैसले के बाद कही ये बातें

फैसले के बाद दोषियों के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किलों के साथ नाइंसाफी हुई है। उन्होंने कहा कि मीडिया, पॉलिटिकल और देश की जनता के दबाव में आकर यह फैसला दिया गया है। उन्होंने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अक्षय की पत्नी के आने के बाद वह उसके लिए भी रिव्यू पिटिशन दाखिल करेंगे।

Nirbhaya Convicts | PTI Photo

Nirbhaya Convicts | PTI Photo

23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा से 16 दिसंबर 2012 को वहशियाना हरकत हुई थी जिसके बाद सिंगापुर के माउन्ट एलिजाबेथ अस्पताल में 29 दिसंबर 2012 को इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई थी। आपको बता दें कि निर्भया गैंगरेप मामले में कुल 6 आरोपी थे जिनमें विनय, पवन, मुकेश, अक्षय, राम सिंह और एक नाबालिग शामिल था। जिस चलती बस में निर्भया का गैंगरेप हुआ था उसे राम सिंह ही चला रहा था और बाद में निर्भया के साथ वहशियाना हरकत की थी। राम सिंह ने 11 मार्च, 2013 को तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी। वहीं, नाबालिग दोषी को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने 3 साल की अधिकतम सजा के साथ सुधार केंद्र में भेजा था और मियाद पूरी होने के बाद दिसंबर 2015 में उसे रिहा कर दिया गया था।

WATCH LIVE Coverage of Supreme Court verdict:

जानें, निर्भया के माता-पिता ने क्या कहा
कोर्ट के इस फैसले के बाद निर्भया के पिता ने कहा, 'हमें पता था कि यह पुनर्विचार याचिका खारिज हो जाएगी। लेकिन इसके बाद क्या? काफी वक्त बीत चुका है और इस दौरान महिलाओं के लिए खतरा बढ़ा ही है। मेरा मानना है कि जितनी जल्दी वे फांसी पर लटकाए जाएंगे, उतना ही बेहतर होगा।' वहीं, निर्भया की मां ने कहा कि हमारी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है और हमें न्याय तभी मिलेगा जब चारों दोषी फांसी पर लटकेंगे।

आइए, आपको बताते हैं उन 4 दोषियों के बारे में जिन्हें इस मामले में फांसी की सजा मिली है:

मुकेश सिंह: जिस बस में निर्भया के साथ गैंगरेप किया गया था, मुकेश उस बस का क्लीनर था। गैंगरेप के दौरान मुकेश ने निर्भया और उसके दोस्त को बुरी तरह पीटा था। वह अभी तिहाड़ जेल में बंद है।

विनय शर्मा: विनय एक फिटनेश ट्रेनर था और यह भी वारदात में शामिल था। राम सिंह की खुदकुशी के बाद विनय ने भी जेल में अपनी जान लेने की कोशिश की थी, लेकिन वह बच गया था। विनय अभी तिहाड़ जेल में बंद है।

पवन गुप्ता: निर्भया का यह गुनहगार दिल्ली में फल बेचने का काम करता था। वारदात के समय यह भी उस बस में मौजूद था और गुनाह में शामिल था। फिलहाल वह तिहाड़ जेल में बंद है और वहीं रहकर ग्रैजुएशन की पढ़ाई कर रहा है।

अक्षय ठाकुर: फांसी की सजा पाए 4 दोषियों में अक्षय ही एकमात्र शख्स है जिसने अपनी सजा के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर नहीं की है। वह फल बेचने वाले पवन का करीबी था और उस दिन वारदात में शामिल था। अक्षय भी तिहाड़ जेल में कैद है।

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