नई दिल्ली: निर्भया के दोषियों को फिलहाल 17 दिसंबर तक फांसी नहीं होगी। शुक्रवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने इस मामले में 17 दिसंबर तक पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई स्थगित की है। निर्भया के कातिल कानूनी पेंचिदगियों का फायदा उठाने में जुटे हैं। निर्भया की मां आशा देवी ने पटियाला हाउस कोर्ट में एक याचिका दी थी जिसमें कहा गया था कि दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा दी जाए जिस पर अब सुनवाई 18 दिसंबर तक टाल दी गई है। वैसे इस मामले में दोषियों को कोर्ट में पेश करने को नहीं कहा गया है लेकिन फिर भी अगर जरूरत पड़ी तो वीडियो क़ॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दोषियों की कोर्ट में पेशी करवाई जा सकती है।
वहीं मौत की सजा पाए चार में से एक दोषी ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल की थी, जिसे मान लिया गया है। अब इस पिटीशन पर 17 दिसंबर को सुनवाई होगी। वहीं एक और दोषी विनय ने राष्ट्रपति के पास मर्सी पिटीशन लगाई है जिसपर राष्ट्रपति को फैसला लेना है। यानी ये बात तकरीबन तय है कि दोषियों को 16 दिसंबर तक फांसी के फंदे पर नहीं लटकाया जा सकता। 7 साल पहले 16 दिसंबर के दिन ही निर्भया के दोषियों ने उसके साथ दुष्कर्म किया था और बाद में मरने के लिए सड़क पर फेंक दिया था।
निर्भया की मां ने दोषियों को फांसी की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने लिखा, “मैं उसकी मां हूं जिसे पूरा देश निर्भया के नाम से जानता है। अगले सोमवार यानी 16 दिसंबर को उस निर्मम गैंगरेप के 7 साल पूरे हो जाएंगे। मैंने इन वर्षों में पूरी मर्यादा के साथ न्याय का इंतजार किया लेकिन अब केस आगे खिंच रहा है और मैं थक गई हूं लेकिन मैं अपनी बेटी के कातिलों को सजा दिलाए जाने से पहले चैन की सांस लेने वाली नहीं हूं। मैं प्रधानमंत्री से विनती करती हूं कि वो निर्भया को जल्द से जल्द न्याय दिलाने के मुद्दे पर दखल दें।“
निर्भया की मां का कहना है कि अक्षय की रिव्यू पिटीशन को पहले ही खारिज कर देना चाहिए था। उन्होंने कहा कि सभी दोषी फांसी को और आगे टालने की कोशिश में लगे हैं। इस बीच तिहाड़ जेल प्रशासन निर्भया के दरिंदगी के चारों दोषियों को एक साथ ही फांसी पर लटकाने की तैयारी में है। यदि ऐसा होता है तो यह पहला मौका होगा, जब एक ही जगह पर चार लोगों को एक साथ फांसी की सजा दी जाएगी।
जेल सूत्रों के मुताबिक एक साथ ही चारों को फांसी देने के लिए एक नई तकनीक का परीक्षण किया जा रहा है। फांसी के तख्त में कुछ बदलाव के जरिए यह काम किया जा रहा है। इसके अलावा यह भी देखा जा रहा है कि क्या चार लोगों का वजन एक बार में यह उठा सकता है या नहीं। सूत्रों ने कहा कि यह जरूरी है कि चारों दोषियों को एक ही साथ फांसी पर लटकाया जाए। इसकी वजह यह है कि यदि किसी शख्स को बेचैनी के चलते समस्या हो जाती है या फिर वह बीमार हो जाता है तो फांसी टालनी होगी।