नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप के दोषियों को लेकर अदालत का फैसला आ गया है। सभी दोषियों को शुक्रवार सुबह ही फांसी की सजा दे दी जाएगी। दिल्ली की एक अदालत ने निर्भया के दोषियों की याचिका को खारिज करते हुए उन्हें फांसी देने का फैसला सुनाया है। सभी दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट पहले ही जारी हो चुके हैं और 20 मार्च शुक्रवार सुबह 5.30 बजे फांसी का वक्त निर्धारित किया गया है।
निचली अदालत के अलावा उच्चतम न्यायालय में भी निर्भया के दोषी मुकेश की याचिका निरस्त हुई है, निर्भया के दोषी मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी दया याचिका खारिज करने के खिलाफ याचिका दायर की हुई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे भी निरस्त कर दिया है। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि उसे मुकेश सिंह की याचिका में कोई गुणवत्ता दिखाई नहीं देती है इसलिए उसकी याचिका पर सुनवाई नहीं की जा सकती। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि दोषी मुकेश के लिए कानूनी राहत के सभी विकल्प खत्म हो गए हैं, इस स्धिति में नये सबूतों पर गौर नहीं किया जा सकता। उच्चतम न्यायालय ने दोषी मुकेश सिंह की उस याचिका पर सुनवाई से इनकार किया जिसमें उसने 16 दिसंबर 2012 को हुई घटना के दिन दिल्ली में नहीं होने का दावा किया था।
दोषियों के वकील एपी सिंह ने दोषियों की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग की थी लेकिन, एपी सिंह ने अदालत में यहां तक कह दिया "आप उन्हें भारत-पाक बॉर्डर पर भेज दीजिए, चाहें तो डोकलाम भेज दीजिए, ये लोग देश सेवा के लिए तैयार हैं, इसके लिए मैं कोर्ट में शपथपत्र दे सकता हूं।"