नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया के गुनहगार पवन गुप्ता की क्यूरेटिव पिटिशन को गुरुवार को खारिज कर दिया है। अदालत ने वारदात के वक्त पवन के नाबालिग होने की दलील को ठुकराते हुए उसकी याचिका खारिज कर दी। कोर्ट के इस फैसले के साथ ही अब पवन का आखिरी दांव भी फेल हो गया है। शुक्रवार को निर्भया के चारों दोषियों को फांसी पर लटकाया जाना है। बता दें कि अपनी इस क्यूरेटिव पिटिशन में पवन ने 2012 में हुए इस अपराध के समय नाबालिग होने का दावा किया था।
जस्टिस एन. वी. रमण के नेतृत्व में 6 जजों की एक पीठ ने उसकी याचिका खारिज करते हुए कहा कि यह कोई मामला नहीं बनता। पीठ ने कहा, ‘मौखिक सुनवाई का अनुरोध खारिज किया जाता है। हमने सुधारात्मक याचिका और संबंधित दस्तावेजों पर गौर किया। हमारे अनुसार यह कोई मामला नहीं बनता इसलिए हम सुधारात्मक याचिका को खारिज करते हैं।’ पीठ में जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस आर. एफ. नरीमन, जस्टिस आर. भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस आर. एस. बोपन्ना भी शामिल थे।
बता दें कि बीती 5 मार्च को एक निचली अदालत ने मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को फांसी देने के लिए नया डेथ वारंट जारी किया था। इस डेथ वारंट के मुताबिक निर्भया के चारों दोषियों को 20 मार्च को सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दी जाएगी। सभी दोषी अपने सभी कानूनी और संवैधानिक विकल्पों का इस्तेमाल कर चुके है और उनके बचने के लगभग सभी रास्ते बंद हो चुके हैं।