उत्तर प्रदेश के मेरठ से जल्लाद पवन जिन्हें 2012 के गैंगरेप मामले के 4 दोषियों को फांसी देने के लिए बुलाया गया था उन्होनें गुरुवार को तिहाड़ जेल में रिपोर्ट की है। दोषियों को 1 फरवरी 2020 को फांसी की तारिख तय की गई है। अब तक पूरी हुई कानूनी प्रक्रिया में अगर कोई बदलाव नहीं हुआ तो, एक फरवरी को सुबह छह बजे चारों मुजरिम फांसी के फंदे पर लटका दिए जाएंगे। इससे पहले मंगलवार को तिहाड़ में बंद चारों मुजरिमों के रिश्तेदार भी उनसे मिलने पहुंचे थे। हालांकि जेल प्रशासन इसे आखिर मुलाकात नहीं मान रहा।
निर्भया के हत्यारों को फांसी कौन देगा? डेथ वारंट जारी होने के बाद से ही तिहाड़ जेल प्रशासन के सामने यह यक्ष प्रश्न खड़ा था। इसका माकूल जबाब दिया उत्तर प्रदेश जेल महानिदेशालय ने। दिल्ली से सटे यूपी के मेरठ में रह रहे पवन जल्लाद के नाम पर अंतिम मुहर लगाकर। मंगलवार रात आईएएनएस से बात करते हुए तिहाड़ जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने इसकी पुष्टि की।
संदीप गोयल ने कहा, "गुरुवार को सुबह पवन (जल्लाद) को मेरठ से तिहाड़ जेल ले आया जाएगा। सुरक्षा के मद्देनजर यह नहीं बताया जा सकता है कि पवन को कहां रखा जाएगा? हालांकि यह तय है कि पवन को दिल्ली पहुंचते ही सबसे पहले तिहाड़ जेल में स्थित फांसी घर में पहुंचाया जाएगा। ताकि वह इस बात से मुतमईन हो सके कि तिहाड़ जेल ने मुजरिमों को लटकवाने के लिए फांसी घर में जो इंतजाम किये हैं, वे दुरुस्त हैं।"
गुरुवार को तिहाड़ जेल ही मेरठ से पवन जल्लाद को लाने का इंतजाम करेगा। पवन जल्लाद मेरठ से दिल्ली किस रास्ते से किस वक्त और किसकी सुरक्षा में लाया जाएगा? इन तमाम सवालों का जबाब देने से, तिहाड़ जेल महानिदेशक ने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर मना कर दिया। हालांकि दूसरी ओर सूत्र बताते हैं कि पवन जल्लाद को तिहाड़ जेल की मजबूत और बेहद सुरक्षित जेल-वैन में लाने के लिए कम से कम 15 से 20 हथियारबंद पुलिसकर्मी (दिल्ली पुलिस तीसरी वाहनी के जवान) जाएंगे।
जल्लाद को दिल्ली किस रास्ते से लाया जाएगा यह भी तय हो चुका है। हालांकि यह रास्ता ऐन टाइम पर बदले जाने की पूरी-पूरी संभावना है। इस संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि पवन जल्लाद को लाने के लिए दिल्ली पुलिस तीसरी वाहनी के साथ तिहाड़ की सुरक्षा में लगी तमिलनाडु स्पेशल पुलिस फोर्स के जवान भी भेज दिए जाएं। इस आशंका को इससे भी बल मिलता है कि दिल्ली पुलिस थर्ड बटालियन के कुछ जवान एक कुख्यात बदमाश को बीते साल लखनऊ के होटल में मौज-मस्ती कराते-बिरयानी खिलवाते हुए रंगे हाथ पकड़े गए थे। ऐसी भद्द पिटवा चुके पुलिस वालों पर कम के कम निर्भया के मुजरिमों को टांगने आने वाले जल्लाद को, लाने का पूरा-पूरा जिम्मा देना कहीं घातक साबित न हो जाए।
दूसरी ओर निर्भया के चारों मुजरिमों के रिश्तेदार मंगलवार को तिहाड़ में बंद अपनों से मिलने पहुंचे। हालांकि तिहाड़ जेल प्रशासन ने इस मुलाकात के फांसी से पहले की आखिरी मुलाकात होने की बात से गुरुवार देर रात इंकार कर दिया।