नई दिल्ली: भारत ने मंगलवार को स्वदेश निर्मित और लंबी दूरी की सब-सोनिक क्रूज मिसाइल ‘निर्भय’ का परीक्षण किया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित की गई इस मिसाइल का यह पांचवां प्रायोगिक परीक्षण है। निर्भय मिसाइल में धीमी गति से आगे बढ़ने, बेहतरीन नियंत्रण एवं दिशा निर्देशन, सटीक परिणाम देने और रडारों से बच निकलने की क्षमता है।
निर्भय का पहला परीक्षण 12 मार्च, 2013 को किया गया था। देश में ही निर्मित मिसाइल ‘निर्भय’ भारत-रूस संयुक्त उपक्रम वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ‘ब्रह्मोस’ का संभावित पूरक है। इसकी खासियत है कि यह कम ऊंचाई पर भी उड़ान भर सकती है। यह दुश्मनों के रॉडार में नजर नहीं आती है। लक्ष्य के करीब पहुंचने के बाद सटीक मौका आने पर यह उसे तबाह करती है।
रॉकेट से विमान, फिर मिसाइल में हो जाती तब्दील
यह मिसाइल एडवांस्ड सिस्टम लेबोरेटरी द्वारा विकसित ठोस रॉकेट मोटर बूस्टर से संचालित होती है। मिसाइल के तय ऊंचाई और गति तक पहुंचते ही बूस्टर मोटर अलग हो जाता है और टर्बोफैन इंजन आगे के प्रक्षेपण के लिए स्वत: ही काम करने लगता है। इसी खासियत की वजह से यह रॉकेट से विमान और फिर मिसाइल में तब्दील हो जाती है।
निर्भय मिसाइल की खासियत
- ‘निर्भय’ क्रूज मिसाइल 290 किलो तक के वॉरहेड ले जा सकती है।
- टू-स्टेज वाली इस मिसाइल की लंबाई छह मीटर और व्यास 0.52 मीटर है।
- करीब 1,500 किलो लॉन्चिंग वेट वाली इस मिसाइल के पंख 2.7 मीटर तक फैल सकते हैं।
- यह 1000 किलोमीटर की दूरी तक तो निशाना लगा ही सकती है, इसके अलावा यह काफी नीची ऊंचाई पर भी उड़ सकती है।
- निर्भय क्रूज मिसाइल हर मौसम में काम कर सकती है और यह परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है।
- यह मिसाइल कई लक्ष्यों के बीच हमला कर सकती है। इसमें मंडराने की क्षमता होने के चलते निर्भय मिसाइल पैंतरेबाजी में प्रदर्शन भी कर सकती है।
- दुश्मन के राडार द्वारा पता लगाए जाने से बचने के लिए निर्भय क्रूज मिसाइल नीची उड़ान भर सकती है और तो और यह ब्रह्मोस मिसाइल की कमी को पूरा करती है।
ब्रह्मोस से अधिक दूर तक जा सकती है निर्भय मिसाइल
ब्रह्मोस मिसाइल की सीमा करीब 290 किलोमीटर तक है जबकि निर्भय क्रूज मिसाइल की 1000 किलोमीटर है। इस लिहाज से यह ब्रह्मोस मिसाइल से काफी अधिक दूरी तक जा सकती है।