मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने गुरूवार को बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया किया कि भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी के रायगढ़ जिले में बने अवैध बंगले को ढहा दिया गया है। यह बंगला अलीबाग इलाके में समुद्र तट के किनारे बनाया गया था। सरकारी वकील पी बी काकोडे ने चीफ जस्टिस नरेश पाटिल और जस्टिस एम एस कार्णिक की खंडपीठ को यह भी बताया कि इसके अलावा राज्य के नियमों और तटीय क्षेत्र मानकों का उल्लंघन करके बनीं 58 निजी संपत्तियों को ढहाने का नोटिस जारी कर दिया गया है।
उन्होंने खंडपीठ के पूर्व के एक आदेश का पालन करते हुये यह जानकारी दी। अदालत ने सरकार द्वारा उठाए गए सभी कदमों और अलीबाग के बीच पर अवैध निर्माण से जुड़े लंबित मुकदमों के बारे में विस्तृत जानकारी देने को कहा था। अलीबाग को पर्यटकों की पसंदीदा जगह माना जाता है। सरकार ने शपथपत्र दायर करके अदालत को बताया नीरव मोदी का अवैध बंगला पांच दिसम्बर को जमींदोज कर दिया गया और चार दिसम्बर को ढहाने संबंधित नोटिस जारी करके दूसरे बंगलों के मालिकों से कहा गया है कि वे एक सप्ताह के भीतर सभी अवैध इमारतों को गिरा दें।
शपथपत्र में कहा गया है कि 61 दूसरी संपत्तियों के मालिकों ने स्थानीय अदालतों से भवन तोड़े जाने पर स्थगन आदेश हासिल कर लिया है। सरकार इन आदेशों पर विधिक कार्रवाई कर रही है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 20 दिसम्बर तय की है।
न्यायालय इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र धावले की याचिका पर सुनवाई कर रही है। इसमें अदालत से शासन को यह आदेश देने का आग्रह किया गया है कि अलीबाग के कई गांवों में ‘‘ज्वार भाटे वाले इलाकों की सीमा’’ में आने वाले सभी अवैध बंगलों को गिरा दिया जाए। याचिका में कहा गया है कि ये बंगले महाराष्ट्र तटीय क्षेत्र प्रबंधन प्राधिकरण के नियमों और राज्य के भू नियमों का उल्लंघन करके बनाए गए हैं।
याचिका में कहा गया है कि वर्सोली, ससवाने, कोलगांव और डोकावडे सहित दूसरे गांवों में ऐसे करीब 175 निजी आवासों का निर्माण हुआ है। ये बंगले नीरव मोदी सहित दूसरे ‘‘अमीर’’ व्यापारियों और फिल्म कलाकारों के हैं। गौरतलब है कि नीरव मोदी, पंजाब नेशनल बैंक से दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी के मामले में अभियुक्त है और वह देश छोड़कर फरार हो गया है।