नयी दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद से संबंधित एक मामले के सिलसिले में पीडीपी के युवा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष वहीद पर्रा से पूछताछ की। पर्रा यहां एनआईए के मुख्यालय में उसके समक्ष पेश हुए। उन्होंने हाल ही में केंद्र शासित प्रदेश में आगामी जिला विकास परिषद चुनावों के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है। दक्षिणी कश्मीर, खासकर आतंकवाद से प्रभावित पुलवामा में पीडीपी के पुनरुद्धार में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पर्रा ने पीटीआई-भाषा को बताया कि एनआईए ने उनसे उनके राजनीतिक करियर और पीडीपी की राजनीति के बारे में पूछा। एनआईए की प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) आतंकियों की वित्तीय कमर तोड़ने में जुटी हुई है। इसी सिलसिले में अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर और दिल्ली के नौ ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। जिन नौ ठिकानों पर छापेमारी हुई, उनमें छह गैर सरकारी संगठन और ट्रस्ट शामिल हैं। जिनके नाम फलाह-ए-आम ट्रस्ट, चैरिटी अलायंस, ह्यूमन वेलफेयर फाउंडेशन, जेके यतीम फाउंडेशन, सालवेशन मूवमेंट और जे एंड के वॉयस ऑफ विक्टिम हैं।
एनआईए ने एक बयान में कहा कि छापे के दौरान दोष साबित करने वाले कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक सामान जब्त किए गए हैं। जिनके परिसरों की तलाशी ली गई उनमें खुर्रम परवेज (जम्मू-कश्मीर कोअलिशन ऑफ सिविल सोसाइटी के समन्वयक), उनके सहयोगी परवेज अहमद बुखारी, परवेज अहमद मट्टा और बंगलूरू में सहयोगी स्वाति शेषाद्रि तथा 'एसोसिएशन ऑफ पैरेंट्स ऑफ डिसैपियर्ड पर्सन्स' की अध्यक्ष परवीना अहंगर भी शामिल हैं। बयान में कहा गया कि एनजीओ एथ्राउट और जीके ट्रस्ट के कार्यालयों की भी तलाशी ली गई।