नई दिल्ली/श्रीनगर: कश्मीर घाटी में अशांति फैलाने को लेकर पाकिस्तान के समूहों द्वारा आतंकवादी वित्तपोषण के सिलसिले में श्रीनगर, दिल्ली तथा हरियाणा में दो दर्जन जगहों पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा की गई छापेमारी के दौरान एक करोड़ रुपये नकद, प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लेटरहेड तथा आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए। जांच एजेंसी ने देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने तथा आपराधिक साजिश रचने के प्रावधानों के तहत लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद के खिलाफ एक मामला भी दर्ज किया।
एनआईए के अधिकारियों ने तीन अलगाववादी नेताओं तहरीक-ए-हुर्रियत के नेता गाजी जावेद बावा, जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के नेता फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराते तथा निलंबित हुर्रियत नेता नईम खान तथा उनके सहयोगियों के आवास परिसरों सहित श्रीनगर में 14 जगहों पर छापेमारी की।
दिल्ली में बल्लीमारान, चांदनी चौक, रोहिणी तथा ग्रेटर कैलाश-2 इलाकों के साथ ही हरियाणा के सोनीपत स्थित एक कोल्ड स्टोरेज में छापेमारी की गई। अधिकारी ने बताया कि 1.15 करोड़ रुपये की धनराशि जब्त की गई है, जिसमें से 65-70 लाख रुपये श्रीनगर से और 35-40 लाख रुपये दिल्ली से जब्त किए गए हैं।
एनआईए ने छापेमारी के दौरान आरोपियों के परिसरों से संपत्ति से संबंधित दस्तावेज, लश्कर-ए-तैयबा तथा हिजबुल मुजाहिदीन जैसे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के लेटरहेड, पेन ड्राइव, लैपटॉप तथा अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए।
अधिकारी ने कहा कि अलगाववादी नेताओं के सहयोगियों से पूछताछ के दौरान कई ठिकानों का खुलासा हुआ है, जहां एजेंसी छापेमारी करेगी। ये छापेमारी हुर्रियत अध्यक्ष सैयद अली गिलानी और उनके साथी हुर्रियत प्रांतीय अध्यक्ष नईम खान, डार और बाबा के खिलाफ 19 मई को प्राथमिक जांच के मद्देनजर की गई।
इंडिया टुडे चैनल पर प्रचारित वीडियो में इन तीनों ने कश्मीर में तनाव बढ़ाने के लिए पाकिस्तान से धन लेने की बात स्वीकार कर ली है। अलगाववादी नेता ने एक स्टिंग ऑपरेशन में यह स्वीकार किया है कि उन्होंने बल्लीमारान और चांदनी चौक के बिचौलियों के जरिए पाकिस्तान से पैसा लिया है।
छापेमारी दिल्ली के रोहिणी और ग्रेटर कैलाश 2 में भी की गई। एक वरिष्ठ एनआईए अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "एलईटी प्रमुख हाफिज सईद और पाकिस्तान स्थित अन्य आतंकवादी संगठनों के खिलाफ प्राथमिक जांच को प्राथमिकी में तब्दील किया गया है।"हालांकि, इस एफआईआर में किसी भी अलगाववादी नेता का नाम नहीं है।
एनआईए अधिकारियों का कहना है कि वह लश्कर-ए-तैयबा और अन्य स्रोतों से अलगाववादी नेताओं को मिले वित्त की जांच कर रही है। आठ जुलाई 2016 को मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी को मार गिराए जाने के बाद घाटी में तनाव बढ़ाने के लिए भी इस वित्त के इस्तेमाल की जांच की जा रही है।